
नांदेड़, एम अनिलकुमार| प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत कच्चे और बिना बने घरों में रहने वाले पात्र परिवारों के लिए फिर से सुनहरा अवसर उपलब्ध हो गया है। आवास प्लस फेज-1 में छूटे हुए, सिस्टम में खारिज हुए और नए पात्र लाभार्थियों का सर्वेक्षण अब आवास प्लस फेज-2 के तहत किया जा रहा है।

इसके लिए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय से आधिकारिक अनुमति मिल गई है। यह सर्वेक्षण मार्च 2025 में शुरू हो गया है। पहले इसकी अंतिम तिथि 15 मई थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर 31 मई 2025 कर दिया गया है। इसलिए जिन नागरिकों के पास अभी तक पक्का घर नहीं है, वे आवास प्लस 2024 मोबाइल ऐप या अपने ग्राम पंचायत अधिकारी के माध्यम से जानकारी भरें। जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेघना कवाली और जिला ग्रामीण विकास एजेंसी के परियोजना निदेशक डॉ. संजय तुबाकले ने अपील की है।

वर्ष 2017-18 में किए गए सर्वेक्षण के प्रथम चरण में सॉफ्टवेयर में तकनीकी समस्याओं के कारण कई पात्र हितग्राही बाहर हो गए थे। अब इन सभी को दूसरा सुनहरा अवसर दिया जा रहा है। यह सर्वेक्षण हितग्राही स्वयं के साथ-साथ ग्राम पंचायत अधिकारियों द्वारा भी किया जा सकता है। इस अभियान के तहत अब तक 65,147 हितग्राहियों का सर्वेक्षण पूर्ण हो चुका है, जिसमें से 25,206 लोगों ने स्वयं सर्वेक्षण किया है, जबकि 39,941 प्रविष्टियां ग्राम पंचायत अधिकारियों के माध्यम से की गई हैं। जो नागरिक स्वयं सर्वेक्षण करने में असमर्थ हैं, वे अपने ग्राम पंचायत अधिकारियों की सहायता से जानकारी भरें।

सर्वेक्षण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में आधार कार्ड, बैंक खाता पासबुक, वास्तविक फोटो और जॉब कार्ड शामिल हैं। जानकारी अंग्रेजी या हिंदी में आवास प्लस 2024 मोबाइल एप के माध्यम से पीएमएवाई वेबसाइट पर भरी जा सकती है। पात्र हितग्राही स्वयं या अन्य मोबाइल फोन से भी सर्वेक्षण कर सकते हैं। घर पाने का यह बहुत ही महत्वपूर्ण अवसर है और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेघना कावली ने बेघर और कच्चे घरों में रहने वाले अधिक से अधिक नागरिकों से इस पहल में भाग लेने की अपील की है। अधिक जानकारी के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी, समूह विकास अधिकारी, पंचायत समिति या जिला ग्रामीण विकास एजेंसी कार्यालय से संपर्क करें।
जिला ग्रामीण विकास एजेंसी ने आवास प्लस सर्वेक्षण कैसे किया जाए, इस पर एक जानकारीपूर्ण वीडियो तैयार किया है। उक्त वीडियो को जिला परिषद के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया गया है। हालांकि, नागरिकों को यह वीडियो जरूर देखना चाहिए ताकि सर्वेक्षण करते समय कोई परेशानी न हो।