दो दिन में पानी नहीं मिला तो उग्र आंदोलन करणे की चेतावनी
हिमायतनगर से गुजर रहे मंत्री इंद्रनील नाइक को सौंपा मांगपत्र

हिमायतनगर, एम अनिलकुमार। नगर पंचायत अंतर्गत आने वाले वार्ड नं. ११ और १२ इलाके में पानी की भारी किल्लत निर्माण हुई है। और नगर पंचायत पानी की समस्या के समाधान के प्रति आंखें मूंदे हुए है, जिसके कारण क्षेत्र के कई बोरिंग पानी और मोटर पंप के अभाव में बंद पड़े हैं। अधिग्रहित बोर से जलापूर्ति नहीं होने के कारण महिलाओं को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। इस स्थिति से नाराज सैकड़ों महिलाओं ने युवा कार्यकर्ता लक्ष्मण डांगे के नेतृत्व में नगर पंचायत पर घागर मोर्चा “पानी दो….पानी दो….” के नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और दो घंटे बैठे रहे। तत्काल जलापूर्ति करणे के लिये बंद पड़े बोरिंग को चालू करने के लिए ईसापुर बांध से पानी को टेंभुर्नी के रास्ते नहर के माध्यम से पैनगंगा नदी में छोड़ने की मांग की गई। इतना ही नहीं महिलाओं ने यहां से किनवट जिले जा रहे मंत्री इंद्रनील नाइक को भी ज्ञापन सौंपा है।

हिमायतनगर शहर विदर्भ-मराठवाड़ा सीमा पर बहनेवाली पेनगंगा नदी के तट पर स्थित है, और शहर का नगर पंचायत द्वारा चलाया जाता है। शहर के अधिकांश वार्डों में पानी की समस्या गंभीर हो गई है। वार्ड नं. 11 व 12 में अधिकांश लोग मजदूर, मजदूर व किसान हैं। उन्हें दिनभर काम करना पड़ता है, लेकिन पानी की कमी के कारण उन्हें पानी के लिए भटकना पड़ता है। इससे उनके रोजगार पर असर पड़ रहा है।

हिमायतनगर शहर के लिए 19.19 करोड़ रुपये की पाइपलाइन परियोजना को मंजूरी दी गई है, लेकिन पाइपलाइन परियोजना पर काम आंशिक चरण में है। पाइपलाइन परियोजना काम की समय सीमा 1 वर्ष पहले समाप्त हो गाई, लेकिन परियोजना आज तक पुरी नहीं हो सकी है। इसके कारण हिमायतनगर के निवासियों को पानी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। शहर के नागरिक मार्च से ही पानी की भारी किल्लत महसूस कर रही है, लेकिन नगर पंचायत प्रशासन द्वारा इसके समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण पानी की समस्या ने गंभीर रूप ले लिया है। जलसंकट की गंभीरता को देखते हुए नगर पंचायत ने वार्ड क्रमांक 11 के लिए पानी का आवंटन किया है। उन्होंने मांग की है कि 11 और 12 में नए बोरवेल खोदे जाएं और हिमायतनगर शहर के निवासियों को राहत देने के लिए टेंभुर्णी क्षेत्र के कैनोल के माध्यम से पैनगंगा नदी में ईसापुर बांध से पानी छोड़ा जाए ताकि शहर से 100 से 150 फीट गहरेवाले बोरवेल पानी पहुंचने से सुरू हो सके।
महिलाओ के मोर्चे और विरोध का संज्ञान लेते हुए, अधिग्रहित बोरवेल में तत्काल मोटर पंप लगाया जाएगा तथा सार्वजनिक कुएं में पानी छोड़ा जाएगा। नये बोरवेल और पुराने बोरवेल की मरम्मत कर दी जाएगी और दो दिन के भीतर पानी उपलब्ध करा दिया जाएगा। ऐसा आश्वासन कार्यालय अधीक्षक महाजन द्वारा दिए जाणे के कारण आंदोलन वापस ले लिया गया, दो दिनों के भीतर हिमायतनगर शहर में पानी की आपूर्ति की जानी चाहिए और लोगों का भटकना बंद किया जाना चाहिए। अन्यथा विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे लक्ष्मण डांगे तथा मोर्चे में भाग लिये महिलाओं ने चेतावनी दी है कि, पानी की आपूर्ति नहीं की गई तो लोकतांत्रिक तरीकों का उपयोग करते हुए जोरदार विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
जल संकट से प्रभावित नागरिकों ने जल संरक्षण राज्य मंत्री इंद्रनील नाइक से मुलाकात की
जल संकट का विरोध कर रहे घागर मोर्चा के पुरुष और महिलाओं ने महाराष्ट्र के उद्योग, लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर), उच्च और तकनीकी शिक्षा, आदिवासी विकास, पर्यटन, मृदा और जल संरक्षण राज्य मंत्री इंद्रनील नाइक से मुलाकात की, जो किनवट तालुका में एक कार्यक्रम के लिए हिमायतनगर से जा रहे थे, और एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई कि हिमायतनगर शहर की आंशिक जल निकासी परियोजना को लागू किया जाए और ईसापुर बांध से पानी छोड़ा जाए। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता लक्ष्मण डांगे, पूर्व महापौर कुणाल राठोड, को.दिगंबर काले, भाजपा तालुका अध्यक्ष गजानन चायल, मुन्नाभाऊ शिंदे, गणेश रचेवर आदि के साथ सैकड़ों महिलाएं, बच्चे और पुरुष-महिला नागरिक उपस्थित थे।