
Threat of epidemics and waterborne diseases during monsoon – citizens must take precautions
नांदेड़| मानसून के दौरान डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया, पीलिया, गैस्ट्रो, डायरिया जैसी कीट जनित और जलजनित बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इसलिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता देशमुख और जिला शल्य चिकित्सक डॉ. नीलकंठ भोसीकर ने नागरिकों से जागरूक रहने और आवश्यक सावधानी बरतने की अपील की है।

जिला स्वास्थ्य कार्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में मानसून की बीमारियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के उपायों को लागू करने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमृत चव्हाण, जिला विस्तार मीडिया अधिकारी रेणुका दराडे, जिला स्वास्थ्य पर्यवेक्षक संजय भोसले और अन्य अधिकारी, निरीक्षक और प्रयोगशाला विशेषज्ञ मौजूद थे।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता देशमुख ने कहा कि दूषित पानी और गंदे भोजन से पेट दर्द, बुखार, उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए सभी को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी गांव स्तर पर व्यापक जागरूकता पैदा करें।

क्या सावधानियां बरतें
पीने के लिए उबला हुआ और ठंडा पानी इस्तेमाल करें, पानी जमा न करें, घर और आस-पास साफ-सफाई रखें, सूखे और पूरे कपड़े पहनें, खिड़कियों पर जाली लगाएं, मच्छरदानी का इस्तेमाल करें, छोटे बच्चों को खुले में या होटलों से लाया हुआ खाना न दें, घर का बना और ताजा खाना ही खाएं और बुखार होने पर बिना दिखाए तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।