नागपुर| स्मृति मंदिर भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठनशक्ति जैसे मूल्यों को समर्पित है। यह हमें राष्ट्रसेवा के लिए हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है, ऐसा संदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागपुर के रेशीमबाग स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्मृति मंदिर परिसर का दौरा किया। उन्होंने संघ के पहले सरसंघचालक पूजनीय केशव बलिराम हेडगेवार की समाधि और दूसरे सरसंघचालक पूजनीय माधव सदाशिव गोलवलकर की यज्ञवेदी के स्वरूप स्मृतिचिह्न का दर्शन किया। उन्होंने कहा कि इन दो महान व्यक्तियों की स्मृतियों को जीवित रखने वाला यह स्थान लाखों स्वयंसेवकों के लिए ऊर्जा का केंद्र है, जो राष्ट्रसेवा को समर्पित हैं।

इस दौरान, प्रधानमंत्री ने महर्षि व्यास सभागार, दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार और परिसर का निरीक्षण किया और उपस्थित लोगों से बातचीत की। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सरसंघचालक मोहन भागवत और पूर्व सरकार्यवाह भय्याजी जोशी उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दीक्षाभूमि को भेट
नागपुर, 30: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दीक्षाभूमि का दौरा किया और डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की अस्थियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने भगवान गौतम बुद्ध की प्रतिमा को नमन किया और बुद्धवंदना (प्रार्थना) की। दीक्षाभूमि स्मारक समिति के अध्यक्ष भंते सुरई ससाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और स्मारक समिति के सचिव राजेंद्र गवई भी उपस्थित थे।
एक विकसित और समावेशी भारत बनाना ही बाबासाहेब को सच्ची श्रद्धांजलि होगी
प्रधानमंत्री मोदी ने आगंतुक पुस्तिका में लिखा : “नागपुर स्थित दीक्षाभूमि, जो डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के पांच तीर्थस्थलों (पंचतीर्थ) में से एक है, यहां आने का सौभाग्य पाकर मैं अभिभूत हूं। इस पवित्र स्थल के वातावरण में बाबासाहेब के सामाजिक समानता, समता और न्याय के सिद्धांतों का अनुभव होता है।
दीक्षाभूमि हमें वंचित और जरूरतमंदों के लिए समान अधिकार और न्याय की व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने की ऊर्जा प्रदान करती है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस अमृत काल में, हम डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की शिक्षाओं और मूल्यों का अनुसरण करके देश को प्रगति के नए शिखर पर ले जाएंगे। एक विकसित और समावेशी भारत बनाना ही बाबासाहेब को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”