
राज्य में हर जगह गंदगी और बाढ़ का राज है, लेकिन महाभ्रष्ट गठबंधन सरकार अमित शाह के दौरे में व्यस्त है।
पुणे में बाढ़ के पीछे बिल्डर लॉबी की साजिश, पालकमंत्री अजित पवार का लोगों से कोई लेना-देना नहीं..

मुंबई| राज्य की फडणवीस सरकार आज सचमुच जलमग्न हो गई है। मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण प्रशासनिक भवनों तक पानी पहुंचना सिर्फ बारिश का असर नहीं है, बल्कि सरकार की उदासीनता का भी परिचायक है। प्रकृति खुद सरकार को चेतावनी दे रही है। महायुति सरकार भ्रष्ट है और मुंबई सिर्फ एक पानी में डूबी हुई है। करोड़ों रुपए खर्च करने के बाद भी सरकार मुंबई को साफ नहीं कर सकती, अच्छी सड़कें नहीं बना सकती, जल निकासी व्यवस्था में सुधार नहीं कर सकती। नदियों से कचरा हटाने के नाम पर करोड़ों रुपए की लूट होना दिल दहला देने वाला नजारा है। कांग्रेस नेता नाना पटोले ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि यह सरकार की अनुशासनहीनता है।

गठबंधन सरकार पर हमला करते हुए पटोले ने आगे कहा कि बेमौसम बारिश के कारण रबी सीजन में गेहूं, चना, मक्का, धान और बागों को भयंकर नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार सिर्फ आंकड़े पढ़ती है, सहायता की एक भी बूंद किसानों की आंखों के आंसू नहीं रोक पाई है। पिछले साल के नुकसान का मुआवजा अभी भी अधर में लटका हुआ है और किसान आत्महत्या के कगार पर हैं।

चुनाव के दौरान किसान को राजा कहने वाले ही आज उसकी पीड़ा से मुंह मोड़ रहे हैं और इसलिए मंत्रालय का डूब जाना सिर्फ प्राकृतिक आपदा नहीं बल्कि चेतावनी है। सरकार ने पिछले चार साल से महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव नहीं कराए हैं। भले ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय को सरकार को चार महीने के भीतर चुनाव कराने के लिए कहना पड़े, लेकिन यह सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती। प्रशासकों और सरकार के जरिए लोगों को लूटा जा रहा है।
पुणे में बाढ़ के पीछे बिल्डर लॉबी की साजिश…
उपमुख्यमंत्री अजित पवार कई सालों से पुणे के संरक्षक मंत्री हैं, फिर भी शहर में ऐसी बाढ़ आती है कि सड़कें नदियों से भर जाती हैं, यह लापरवाह योजना के कारण नहीं, बल्कि बिल्डर लॉबी के साथ मिलीभगत का नतीजा है। उन्हें लोगों से कोई लेना-देना नहीं है, यही वजह है कि आज राज्य में हर जगह गंदगी और बाढ़ का राज देखने को मिल रहा है। आज एक तरफ बाढ़ ने राज्य को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, वहीं दूसरी तरफ नांदेड़ में अमित शाह के दौरे की तैयारियां चल रही हैं। इसका मतलब है कि वे लोगों के वोटों पर खेलना चाहते हैं, ऐसा पटोले ने आरोप लगाया है।
राहुल गांधी सच्चे नेता हैं जो ओबीसी के लिए आवाज उठाते हैं।
जातिवार जनगणना पर राहुल गांधी का रुख ऐतिहासिक है। हमारा रुख यह है कि तेलंगाना की तरह पूरे देश में यह जनगणना होनी चाहिए। हमारे वीर सैनिकों के बलिदान को सलाम करने के बजाय, नरेंद्र मोदी यह दिखावा करने की कोशिश कर रहे हैं कि उन्होंने युद्ध जीत लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने हाथों से अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। वे आतंकवादी कहां हैं जिनकी बहनों ने उनके कुंचु पोंछने का पाप किया था? इस पर उनका क्या रुख है? जिस जगह पर हमला हुआ, वहां सुरक्षा क्यों नहीं मुहैया कराई गई? ऐसे कई सवाल हैं, इसलिए हम इस बात की निंदा करते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी ने सैन्य पोशाक पहनकर अपनी पीठ थपथपाने का रुख अपनाया है, ऐसा पटोले ने कहा।