पत्रकार को जबरन पीटा, मोबाइल फोन तोड़ा, गले से सोनी की चेन छीनी
हदगांव/हिमायतनगर, संवादादाता| हिमायतनगर तालुका के विरसनी में अवैध रेत के भंडार को जब्त करने और घरकुल लाभार्थी को रेत का मुफ्त वितरण करने की मांग को लेकर समाचार एकत्र करने पहुंचे पत्रकार पर गुस्साए राजनीतिक समर्थित रेतमाफिया ने पत्रकार को बुरी तरह पीटा, दो मोबाइल फोन तोड़ दिए, उन्हें क्षतिग्रस्त कर दिया, उनकी सोने की चेन छीन ली और उन पर ट्रैक्टर चढ़ाकर जान से मारने की कोशिश की। इस मामले में हिमायतनगर थाने में दो मुख्य आरोपियों और 8 से 10 अन्य लोगो के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इससे पहले रेत के भंडार को जब्त करने गए अधिकारियों और कर्मचारियों पर हमला किया जा रहा था। लेकिन अब जब रेत माफिया ने सीधे तौर पर एक पत्रकार पर हमला किया है, तो सरकार के लिए रेत माफिया पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाना जरूरी हो गया है।

इस संबंध में विस्तृत खबर यह है कि नांदेड़ जिले के हिमायतनगर तालुका में पिछले दो वर्षों से एक भी रेत खदान की नीलामी नहीं हुई है। इसके बावजूद, कुछ रेत माफिया, जो राजनीति से प्रेरित हैं और कम समय में अमीर बनने की तलाश में हैं, उनके द्वारा विरसानी, कामारी, जवलगांव, पिंपरी, दिघी, घारापुर, खड़की, डोलहारी, धानोरा, पलसपुर, वारंगटाकली, मंगरुल, कोठा, हिमायतनगर रेत खदानों से बिना लाइसेंस के बड़े पैमाने पर अवैध रूप से रेत का उत्खनन किया है और राजस्व अधिकारियों की मदद से हजारों बैरल रेत जमा की है। इसके कारण जरूरतमंद लाभार्थियों को दुगणी – तिगणि गुना कीमत पर रेत खरीदनी पड़ रही है। इस बात को ध्यान में रखते हुए, हदगांव तालुका के आष्टी निवासी 34 वर्षीय पत्रकार गजानन जिद्देवार ने पिछले महीने हिमायतनगर तहसीलदार पल्लवी टेमकर के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें मांग की गई थी कि अवैध रेत के भण्डार को जब्त किया जाए और जमा की गई रेत सरकारी योजना के अनुसार घरवालों को मुफ्त में दी जाए।

इसी के सिलसिले में 6 जून 2025 को उन्होंने हिमायतनगर तहसील कार्यालय में जाकर पता किया किंतु इस बारे में जानकारी नही दी गई है। कार्यवाही के बारे में जानकारी न मिलने पर उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया और विरसनी होते हुए हदगांव के लिए रवाना हो गए। जब उन्हें पता चला कि विरसानी में अवैध रेत के भण्डार को सरकार से अपने कब्जे में लेकर उसे गरीब घरवालों को मुफ्त में देने के लिए नीलामी आयोजित की गई है, तो पत्रकार गजानन जिद्देवार खबर लेने के लिए विरसनी गए थे। यहां कुछ राजस्व तलाठी, पुलिस पाटिल, अवैध रेत के कारोबार में लगे लोग और सात से आठ ट्रैक्टर और घरकुल वाले तहसीलदार का इंतजार कर रहे थे।


आष्टी के पत्रकार गजानन जिद्देवार जब रेत के ढेर की तस्वीरें और वीडियो ले रहे थे, तभी रेत माफिया और शिवसेना शिंदे गुट के युवा सेना अल्पसंख्यक तालुका अध्यक्ष शेख अफरोज आए और पूछा, “क्या तू हि वो पत्रकार हैं, जिन्होंने हमारे खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी..? तू अपना तालुका छोड़कर हमारे तालुका में क्यों आया.. ऐसा कहते हुए अहंकारी व्यवहार किया? मैं तुम्हें मार डालूंगा ” यह कहते हुए उसने पत्रकारों के गाल पर तमाचा मारा और उसके साथ मौजूद रेत माफिया सोनू देवसरकर ने डंडे से पत्रकार के दोनों पैरों के पिछले हिस्से पर वार किया। मुक्का मार लगने से पत्रकार गिर पड़े। वहां मौजूद आठ-दस अज्ञात लोगों ने भी पत्रकारों पर लात-घूसे बरसाए और डंडों से बुरी तरह पीटा। रेत माफिया ने ट्रैक्टर आंग पर लोकर उन्हें मारने की कोशिश की।
जैसे ही पत्रकार गजानन जिद्देवार अपना बचाव करने के लिए एक तरफ हटे, रेत माफिया शेख अफरोज और सोनू देवसरकार ने उन पर चढ़कर उनके पेट और शरीर पर लात-घूसे बरसाए, मारपीट की और उनके गले से 40 हजार रुपये की पुरानी सोने की चेन छीन ली। उन्होंने उनके दो मोबाइल फोन भी छीन लिए और पत्थरों से तोड़ दिए, जिससे 60 हजार रुपये का नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, पत्रकार गजानन जिद्देवार ने अपनी शिकायत में कहा है कि अचानक हुए हमले और मारपीट के दौरान उनकी जेब से 5 हजार रुपये गिर गए। इसके आधार पर हिमायतनगर पुलिस ने रेत माफिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। माफिया और युवा सेना अल्पसंख्यक तालुका अध्यक्ष शेख अफरोज और सोनू देवसरकर के साथ आठ से दस अन्य अज्ञात लोगों पर भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 119 (1), 116 (1), 115 (2), 351 (2), 189 (2), 191 (2), 191 (3), 190, 324 (4), 324 (5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इस घटना की जांच पुलिस निरीक्षक अमोल क्षेत्र के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस निरीक्षक श्री मद्दे द्वारा की जा रही है।
आरोपी अभी भी फरार
मराठी पत्रकार संलग्न डिजिटल मीडिया परिषद हदगांव पत्रकार संघ के उपाध्यक्ष गजानन जीदेवार पर कायरतापूर्ण हमला करने वाले रेट माफिया आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। तथा पत्रकार सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए। घटना का विरोध करते हुए मारुति काकड़े, महेंद्र धोंगड़े, तथा मराठी पत्रकार संघ ने पुलिस प्रशासन से यह मांग की है।