नांदेड़ (एम अनिलकुमार) जगद्गुरु रामानंदाचार्य नरेंद्राचार्यजी द्वारा समाज को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए नागपुर से नानीजधाम तक शुरू की गई वसुन्धरा पैदल दिंडी ने आज अपना 13वां दिन पूरा कर लिया है और हिंगोली जिले से नांदेड़ जिले में प्रवेश कर चुकी है।

सुबह 6:30 बजे स्वर्गीय बाबूराव देशमुख विद्यालय, डोंगरकड़ा (ता. कलमनुरी हिंगोली) में पूजा करने के बाद दिंडी ने नांदेड़ जिले में प्रवेश किया। उसके बाद पारडी (ता. अर्धापूर) में केसरिया संभाजी टोल प्लाजा के पास भोकर विधानसभा कांग्रेस के युवा नेता तिरूपति पाटिल कोंडेकर द्वारा वृक्षारोपण किया गया और तीर्थयात्रियों को नाश्ता वितरित किया गया. यह यात्रा 40 दिन और 1120 किमी लंबी है और हजारों श्रद्धालु पैदल चलकर नैनीजधाम पहुंचेंगे. नांदेड़ जिले में कई जगहों पर युवाओं द्वारा वृक्षारोपण और नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया जा रहा है।

यह दिंडी धर्म के साथ-साथ एक सामाजिक संदेश भी बन रही है और वृक्षारोपण, देखभाल, स्वच्छता अभियान, कैरी बैग से मुक्ति और पर्यावरण संरक्षण जैसे विषयों पर जागरूकता पैदा कर रही है। तीर्थयात्री हाथों में तख्तियाँ, झंडे और नारे लिखे हुए लेकर पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझा रहे हैं।


ताल की ध्वनि, ‘वसुंधरा माता की जय’, ‘गुरुमाऊली नरेंद्र स्वामी जय जय’, ‘योगिया ननिजवासी नाथ महंत तुच योगीराया’ जैसे भजनों और नारों से वातावरण गूंज रहा है। इसमें युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों की स्वस्फूर्त भागीदारी दिखाई दे रही है और धार्मिक आस्था और पर्यावरण जागरूकता का एक सुंदर संगम हुआ है।

ननिजधाम की यात्रा पर ग्रामीणों द्वारा दिंडी का स्वस्फूर्त स्वागत किया जा रहा है। तीर्थयात्रियों को पानी, आश्रय और महाप्रसाद प्रदान किया जा रहा है और जनभागीदारी के कारण यह अभियान और भी प्रभावी हो गया है। जगद्गुरु नरेंद्राचार्यजी के मार्गदर्शन में शुरू की गई यह वसुंधरा पैदल दिंडी एक धार्मिक अनुष्ठान से आगे बढ़कर पर्यावरण संरक्षण के लिए एक जन आंदोलन बन रही है और समाज को एक नई दिशा दे रही है।