हिमायतनगर (एम अनिलकुमार) राज्य में आगामी स्थानीय निकाय चुनावों की पृष्ठभूमि में, महापौर पद आरक्षण के लिए आज मंत्रालय में लॉटरी की घोषणा की गई। इस लॉटरी में, हिमायतनगर नगर पंचायत के महापौर पद का आरक्षण खुला (ओपन कैटेगरी के लिए) घोषित किया गया है। आरक्षण की घोषणा होते ही शहर के राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई और कई इच्छुक उम्मीदवार तैयारी में जुट गए हैं। संभावना जताई जा रही है कि दिवाली के बाद ही चुनाव का बिगुल बजेगा।

हिमायतनगर नगर पंचायत का पहला चुनाव 10 जनवरी, 2016 को हुआ था। उस समय, कांग्रेस ने अकेले दम पर नगर पंचायत पर कब्ज़ा कर लिया था। बाद के दौर में, महापौर पद को लेकर बड़े राजनीतिक हलचल हुई और विद्रोहों के कारण सत्ता परिवर्तन हुआ और शिवसेना का महापौर चुना गया। हालाँकि, 24 जनवरी, 2021 को नगर पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से प्रशासक शासन लागू है।


प्रशासन के दौरान नागरिकों की कई समस्याएँ सामने आई हैं। शहर में सफाई, अतिक्रमण, जलापूर्ति, सड़क और जल निकासी जैसी समस्याओं से नागरिक जूझ रहे हैं। महापौर के अभाव में शहर के विकास की गाड़ी पटरी से उतरती दिख रही है। इस बीच, दो बार आरक्षण की घोषणा के बावजूद चुनाव नहीं हो सके। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को जनवरी के अंत तक चुनाव कराने के आदेश के बाद, प्रशासन ने पूरी गति से तैयारियाँ शुरू कर दी हैं।


मंत्रालय द्वारा आज घोषित ड्रॉ के अनुसार, चूँकि हिमायतनगर महापौर का पद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित हुवा है, इसलिए इस पद के लिए महिला और पुरुष दोनों को अवसर दिया गया है। अब सबकी निगाहें दिवाली के बाद होने वाले चुनावों पर टिकी हैं, और शहर में राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं।
