हिमायतनगर, एम अनिलकुमार | तालुका के कामारी क्षेत्र में मंगलवार को हुई बारिश से आंगनबाड़ी क्षेत्र में तीन से चार फीट पानी भर गया है। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के साथ-साथ छोटे बच्चों का आना-जाना मुश्किल हो गया है। आशंका जताई जा रही है कि जमा पानी से महामारी फैल सकती है और छोटे छात्रों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ सकता है। अभिभावकों ने भी चेतावनी दी है कि इस जमा पानी का तुरंत प्रबंधन किया जाए, नहीं तो आंगनबाड़ी पर ताला लगा दिया जाएगा।

आंगनबाड़ी के बच्चे, जिनकी शिक्षा सबसे पहले है, उनके स्वास्थ्य का मुद्दा हल नहीं हो रहा है। यह एक गंभीर समस्या बन गई है। नांदेड़ जिले के कामारी तालुका हिमायतनगर का एक माध्यमिक बाजार गांव है और गांव में जरूरी सुविधाएं नहीं हैं। इसलिए ग्रामीणों के मन में सवाल है कि गांव के लिए आने वाले फंड का इस्तेमाल किस लिए किया जा रहा है। गांव में सड़कें, नालियां और अन्य विकास कार्य तो सरपंच ग्राम सेवक के अधीन हो रहे हैं, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि आंगनबाड़ी क्षेत्र में पानी जमा होने से रोकने के लिए कोई उपाय क्यों नहीं किए गए हैं।


बुधवार रात हुई पहली बारिश से कामारी गांव में आंगनबाड़ी क्रमांक 1 और 3 के क्षेत्र में ढाई से तीन फीट पानी जमा हो गया है। इसके कारण एक भी छात्र या बच्चा ही नहीं, बल्कि आंगनबाड़ी सेविका या सहायिका भी आंगनबाड़ी में प्रवेश नहीं कर पा रही है। आंगनबाड़ी क्रमांक 1 और 3 को मिलाकर छात्रों की संख्या करीब 70 है। बार-बार ग्राम पंचायत और संबंधित आंगनबाड़ी के वरिष्ठ प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया है। इसलिए आज आंगनबाड़ी प्रशासन छोटे बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहा है।

छोटे बच्चों के अभिभावकों ने जवाब दिया है कि इस रुके हुए पानी के कारण विद्यार्थियों के लिए स्वास्थ्य समस्या उत्पन्न हो गई, तथा यदि इस रुके हुए पानी के कारण विद्यार्थियों के जीवन को कोई हानि होती है या महामारी फैलती है तो इसके लिए बाल विकास विभाग के अधिकारी, सुपरवाइजर तथा ग्राम पंचायत प्रशासन जिम्मेदार होगा।