नांदेड़, एम अनिलकुमार| जिला एड्स रोकथाम एवं नियंत्रण विभाग की त्रैमासिक बैठक, जिला सामुदायिक संसाधन समूह बैठक, जिला एचआईवी-टीबी समन्वय समिति की बैठक आज जिला परिषद में जिला कलेक्टर राहुल कर्डिले और जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेघना कावली की अध्यक्षता में संपन्न हुई।

बैठक में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश एवं सदस्य सचिव शरद देशपांडे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. संजय पेरके, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संगीता देशमुख, शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय के डीन डॉ. यशवंत पाटिल, जिला आरसीएच अधिकारी डॉ. शिवशक्ति पवार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप जाधव, नगर निगम जिला क्षयरोग अधिकारी डॉ. बडीयोद्दीन, शिक्षा अधिकारी श्रीमती फुटाने, जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. कुलदीप अंकुशे, जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी प्रतिनिधि, समाज कल्याण कार्यालय प्रतिनिधि के साथ-साथ एनजीओ प्रतिनिधि, जिला सामुदायिक संसाधन समूह (डी-सीआरजी) प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।


मुख्य कार्यकारी अधिकारी मेघना कावली ने निजी रक्त जांच केंद्रों से एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने वाले मरीजों को आईसीटीसी केंद्रों पर रेफर करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी गर्भवती माताओं की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर एचआईवी और एसटीडी की जांच सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करने की सलाह दी।

जिले में 17 आईसीटीसी केंद्रों के माध्यम से एचआईवी और एसटीडी की जांच की जाती है। वर्ष 2024-25 में 18 से 35 आयु वर्ग में एचआईवी संक्रमण की दर अधिक है। युवाओं को इस बीमारी से दूर रखने के लिए, आईसीटीसी परामर्शदाताओं के माध्यम से जिले के वरिष्ठ कॉलेजों में एचआईवी और एसटीडी जागरूकता परामर्श के लिए अभियान चलाया जाएगा, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. संजय परके ने कहा।