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Declare Gila-Drought : हदगांव-हिमायतनगर को गिला-सूखाग्रस्त घोषित कर किसानों को 50 हजार प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाए-डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर -NNL

हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| सितंबर महीने के पहले ही दिन हिमायतनगर तालुका में भारी बारिश हुई. पहली बार हुई इस तुफानी बारिश के कारण हिमायतनगर तालुका से बहने वाली पैनगंगा नदी के किनारे और बड़े नालों के किनारे हजारों हेक्टेयर भूमि पर लगी सोयाबीन, कपास और अन्य फसलों को भारी नुकसान हुआ है. अब तक सरकार को यह नुकसान झेलने वाले किसानों को तत्काल सहायता देनी चाहिए थी। इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया गया है, सिर्फ नारेबाजी कर समय बर्बाद किया जा रहा है। इससे घाटे से जूझ रहे किसान त्योहारी सीजन में आर्थिक संकट में हैं। राहत और पुनर्वास मंत्री अनिल पाटिल, जो कल सोमवार को नांदेड़ आ रहे हैं, बिना किसी पंचनामा रिपोर्ट की प्रतीक्षा किए, तुरंत इस संबंध में एक ठोस निर्णय लें और हदगांव-हिमायतनगर तहसील को गीला सूखा घोषित करें और किसानों को 50,000 प्रति हेक्टेयर मदत कि राशी खाते जमा कि जाए ऐसी मांग महाराष्ट्र कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष और नांदेड़ जिले की प्रभारी अध्यक्ष डॉ.सुरेखाताई चव्हाण गोर्लेगावकर ने मीडिया को बात करते हुए कि।

हदगांव-हिमायतनगर तालुका में भारी बारिश के कारण किसान हताश हो गए हैं, इस बात कि खबर महाराष्ट्र कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष और नांदेड़ जिले की प्रभारी अध्यक्ष डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर को हुइ तो वे सबसे पहले किसानों को हिम्मत देने के लिए उनके तटबंध पर गईं। इसके लिए पिछले तीन दिनों से एक पल की भी देरी किए बिना विधानसभा क्षेत्र में पैनगंगा नदी के किनारे क्षतिग्रस्त क्षेत्र के किसानों के बांध पर जाकर निरीक्षण किया। वहीं नुकसान की सचित्र रिपोर्ट महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को भेजी जा रही है. उन्होंने हिमायतनगर तालुका के लगभग 30 गांवों का दौरा किया और क्षतिग्रस्त फसल का निरीक्षण किया।

नांदेड़ न्यूज़ लाइव से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस जगह पर फसलों की हालत देखकर हैरान रह गए, और तस्वीर से पता चलता है कि बाढ़ के पानी से फसलें पूरी तरह से खराब हो गई हैं। उन्होंने कहा है कि भारी बारिश के कारण गाद जमा होने से मिट्टी की बनावट भी खराब हो गई है और किसान अगले पांच साल तक इस जमीन से एक रुपये का भी उत्पादन नहीं कर पाएंगे. इसलिए घाटे से प्रभावित किसानों को इस संकट से बाहर निकालने के लिए, सरकार हदगाव विधानसभा क्षेत्र को गीला सूखा घोषित करें और किसानों को कम से कम 50,000 रुपये हेक्टेयर का मुआवजा देना आवश्यक है ऐसा भी उन्होंने कहा।

सरकार ने किसानों को तत्काल राहत देने कि जरुरत थी, किंतु गणराया का आगमन भी हुवा है अब गौराई भी दो दिन में आ जाएगी। इसके बावजूद सरकार ने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि वह किसानों की कितनी मदद करेगी, मदद तो दूर की बात है. इसलिए देखा जा रहा है कि त्योहारी सीजन में किसानों के घरों में अंधेरा फैला हुआ है. हिमायतनगर तालुका के तीन मंडलों और शहर में सबसे भारी बारिश नांदेड़ जिले में हुई। हालांकि, एक घेरा छोड़ दिया जाए तो किसानों का कहना है कि बाकी घेरा हवा के भरोसे छोड़ने का काम महसूल प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. इसलिए नुकसान की स्थिति में सरकारी अधिकारियों को यह रुख अपनाना चाहिए कि सभी को बिना किसी भेदभाव के भारी बारिश की मदद मिलनी चाहिए, ताकी सभी को मदद मिलेगी। अन्यथा यह ध्यान रखना आवश्यक है कि एक किसान को 10 हजार और दुसरे किसान को 100 रुपये ऐसा नहीं होना चाहिये।

रविवार को महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और नांदेड़ जिला प्रभारी अध्यक्ष डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर ने बोरगाडी, टांडा 1, टांडा 2, धनोरा, वारंगटाकली, मंगरुल और पैनगंगा के तट पर खैरगांव जे, वडगांव जे, सिबदरा, कार्ला गावं का दौरा किया। नदी किनारे नुकसान की स्थिति की समीक्षा की गयी. इस समय हिमायतनगर तालुका के कई लोगो ने कहा कि, मौजूदा जन प्रतिनिधियों ने किसान बांध का दौरा तक नहीं किया. हालांकि, नागरिकों का आरोप है कि पिछले साल की तरह इस साल भी उन्होंने किसानों को न्याय दिलाने में कोताही बरती है. साथ ही कई ग्रामीणों ने डॉ.रेखाताई चव्हाण के सामने बयान कर शिकायत की कि पिछले साल भारी बारिश के कारण फसल बीमा मुआवजा मिलने में बड़ा भेदभाव किया गया.

इस समय डॉ.रेखाताई चव्हाण ने सीधे तहसीलदार श्रीमती पल्लवी टेमकर से फोन पर संपर्क कर नदी किनारे के तट पर हुए नुकसान के बारे में क्या..? कदम उठाए गए हिसके के बारे में पूछा. साथ ही तहसील कार्यालय से शासन को रिपोर्ट भेजते हुए किसानों को मदद दिलाने के प्रयास करने का सुझाव दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले साल की तरह सरकार द्वारा दी जाने वाली भारी बारिश की सहायता में किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाए और वे प्रभावित क्षेत्रों के किसानों के साथ सोमवार 09 सितंबर की दोपहर को तहसीलदार टेमकर से मिलेंगे और उन्हें गीला सूखा घोषित कर तत्काल राहत देने की मांग करेंगे।

कीचड़युक्त फसल देखकर कई किसानों की आंखों से आंसू आते हुए मैंने देखा – डॉ. रेखाताई चव्हाण

क्षतिग्रस्त इलाकों के निरीक्षण दौरे के बारे में महाराष्ट्र कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष और नांदेड़ जिला प्रभारी अध्यक्ष डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर से पूछे जाने पर उन्होने कहा कि, मैंने कुछ दिन पहले हदगांव तालुका में नदी किनारे के गांव का दौरा कर किसानों के बांध पार जकार फासलं नुकसानी का मुवायना . किया है, साथ ही पिछले 3 दिनों से हिमायतनगर तालुका में नदी किनारे के गांव में घूम रहे हैं. अब तक हिमायतनगर के 24 गांवों का दौरा किया जा चुका है और नुकसान का अंदाजा लगाना मुश्किल है. प्रतिदिन आधी रात और दिन में रुक-रुक कर जोर कि बारिश होने से जमीन में मौजूद पानी के बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। नतीजन बचीकुची बाकी फसलों की हालत भी खराब हो रही है और जो फसलें पहले पानी में डूबी हुई थीं, वे लगभग कीचड़युक्त हो गई हैं। पलसपुर, डोल्हारी, सीरपल्ली, शेलोडा, एकंबा, कोठा, कोठा टांडा, सिरंजनी, कामारी, पिंपरी, विरसनी, वाघी, दिघी, टेंभुर्णी, बोरगडी, टांडा 1, टांडा 2, धानोरा, वारंगटाकली, मंगरुल, खैरगांव ज, वडगांव ज, सिबदरा, कारला समेत कई गांवों में किसानों की स्थिति काफी गंभीर देखी गई है. मैं पहला व्यक्ति हूं जिसने भारी बारिश के कारण कीचड़ हो गई फसलों को देखकर कई किसानों की आंखों में आंसू देखे। उन्होंने कहा, इसलिए, सरकार के लिए यह बहुत जरूरी है कि हिमायतनगर-हदगांव तालुका को तुरंत गिला सूखा प्रभावित घोषित किया जाए और किसानों को इस प्राकृतिक संकट से बाहर निकालने के लिए 50,000 रुपये की तत्काल सहायता प्रदान की जाए।

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