हिमायतनगर (एम अनिलकुमार) पिछले दो महीनों से हो रही लगातार भारी बारिश के कारण हिमायतनगर तालुका में बड़ी संख्या में कृषि फसलें जलभराव के कारण सड़ गई हैं। लगातार जलभराव के कारण हुई वापसी की बारिश से बची हुई फसलें भी अंकुरित होने लगी हैं। कंपास कि गांठी काली हुई है यह हृदयविदारक दृश्य देखकर किसान राजा हताश है, और जो घास उसके हाथ में आनेवाले था, उसे भी प्रकृति के सुल्तानी संकट ने छीन लिया है।


हिमायतनगर तालुका में बुवाई के बाद से ही प्रकृति किसानों से रूठी हुई है और उन्होंने बुवाई तो की, लेकिन बीज अंकुरित नहीं हुए। जो अंकुरित हुए थे, वे भारी बारिश में बह गए। अगस्त से अब तक चार-पाँच बार भारी बारिश हो चुकी है, जिससे बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है। लगातार हो रही बारिश के कारण किसानों का खरीफ सीजन खतरे में है, और सोयाबीन की फलियाँ अंकुरित हो गई हैं और कपास के गांठी काले पड़ गए हैं, जिससे किसान हताश हैं। अब, ईसापुर बांध से पानी छोड़े जाने से किसानों की लाखों रुपये की मेहनत, जिसमें खेतों में बोए गए बीज और खाद का छिड़काव भी शामिल है, पानी में बह गई है।


किसानों का आरोप है कि सरकार किसानों पर आए इस गंभीर संकट के बावजूद इसे नज़रअंदाज़ कर रही है। किसानों की नाराज़गी भरी प्रतिक्रिया है, “सरकार ने किसानों के ज़ख्मों पर नमक छिड़का है और हमारी स्थिति को मौत के कगार पर ला दिया है।” इस वजह से, हिमायतनगर तालुका के वारंगटकली, एकम्बा, सिरपली, डोलारी, पलासपुर, घारापुर, कामारी, मंगरुल, बोरगाड़ी, कोठा, हिमायतनगर, सिबदरा, आंदेगांव, पारडी सहित नालों के किनारे बसे छोटे-बड़े गाँवों के किसान सरकार से ठोस कदम उठाने की माँग कर रहे हैं। किसानों की माँग है कि सरकार 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की तत्काल सहायता की घोषणा करे, सूखाग्रस्त घोषित करे और कर्ज़ माफ़ी की घोषणा करे। साथ ही, यह माँग भी दिन-प्रतिदिन ज़ोर पकड़ रही है कि पंचनामा बनाने में समय बर्बाद न किया जाए, बल्कि किसानों को राहत पहुँचाने के लिए तत्काल ठोस निर्णय लिए जाएँ।


कामारी गाँव में तिसरी बार आई बाढ़..!
लगातार भारी बारिश और ईसापुर बाँध से फिर से पानी छोड़े जाने के कारण, कामारी गाँव में तीसरी बार पानी घुस आया है। किसानों की फ़सलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं और गांव में पाणी आने से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी किनारे के किसान माँग कर रहे हैं कि सरकार तुरंत पर्याप्त सहायता की घोषणा करे और सहस्रकुंड जलविद्युत परियोजना को रद्द करे।