मुक्रमाबाद/नांदेड़| मुखेड तहसील के ग्राम हालनी में शंकरप्पा हेस्से के घर में, इस साल मंगलवार 10 सितंबर की आधी रात को 5 ब्रह्मकमल उगे हैं और जुलाई, अगस्त और सितंबर में पांच बार ऐसे कुल 11 ब्रह्मकमल उगे हैं। पिछले पांच साल से हर साल लगातार पांचवीं बार हेस्से के घर में ब्रह्मकमल खिल रहा है। जिसे देखणे के लिये नागरिक कि भीड उमड रही है

इस वर्ष गुरुवार 25 जुलाई की मध्यरात्रि में पहली बार 1 ब्रह्मकमल, शनिवार 27 जुलाई की मध्यरात्रि में दूसरी बार 1 ब्रह्मकमल, 02 अगस्त शुक्रवार को तीसरी बार 2 ब्रह्मकमल, शुक्रवार 09 अगस्त को चौथी बार 2 ब्रह्मकमल। और मंगलवार 10 सितंबर को पाचवी बार मध्य रात्रि में यानी 5 ब्रह्म कमल खिले है, हेस्से के घर पर कुल 11 ब्रह्म कमल खिले है, ब्रह्मकमल खिलते हि पूरे परिवार ने पूजा और आरती करके इन अंकुरित ब्रह्म कमल की पूजा अर्चना की।

ब्रह्मकमल आमतौर पर जुलाई से सितंबर के महीने में खिलता है। शिव पुराण में कहा गया है कि ब्रह्म कमल की रचना माता पार्वती के अनुरोध पर हुई थी। ब्रह्म कमल हिमालय पर्वत श्रृंखला का एक फूल है। यह फूल सफेद रंग का होता है। धार्मिक रूप से माना जाता है कि यह फूल भगवान विष्णु की नाभि से उत्पन्न हुआ है और इस पर स्वयं ब्रह्मा विराजमान हैं। खिलने पर यह ब्रह्मकमल शंभु महादेव की पिंडी जैसा दिखता है। ब्रह्मकमल फूल की खुशबू का अनुभव करने के लिए पूरे साल इंतजार करना पड़ता है। क्योंकि अन्य फूलों की तरह यह फूल हमेशा नहीं उगता या बाजार में आसानी से उपलब्ध नहीं होता। ब्रह्मकमल दिखने में सुंदर, मनमोहक, ऐतिहासिक और पवित्र होने के साथ-साथ औषधीय फूल भी है।
हालनी और आसपास के क्षेत्रों के श्रद्धालु नागरिक हालनी में शंकरप्पा हेस्से के घर पर उगाए गए ब्रह्म कमल को देखने के लिए उपस्थित हुए।
