नांदेड़, गोविंद मुंडकर| प्रथम पूजनीय देवता भगवान गणेश का आगमन समुचे भारत में हर्षोल्हास के साथ आज होणे जा रहा है, गणेशजी का आगमन रोमांचक और आनंदमय है। एकीकरण की वकालत करने वाले गांव में सभी जातियों और धर्मों के लोग इस उत्साह में भाग लेते हैं। नांदेड़ जिले के विभिन्न गांवों में गणेश उत्सव बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। गणेश ज्ञान के देवता हैं। पूजा में सबसे पहले जिस देवता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही गणेश जी को विघ्न विनाशक के रूप में भी पूजा जाता है।

जैसे ही भगवान गणेश की पूजा के विभिन्न पहलू आध्यात्मिक आधार वाले कई धार्मिक पंडितों के लिए महत्वपूर्ण हो गए, लोक आंदोलन में लोकमान्य तिलक द्वारा इस त्योहार को जो सार्वजनिक रूप दिया गया, उसकी आज भी समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों द्वारा प्रशंसा की जाती है। इससे पहले कि नांदेड़ वासी श्रद्धालु गणपती बाप्पा के उत्साह में शामिल होते, उसके पूर्व नांदेड जिले में हुई भारी बारिश ने किसानों का ध्यान भटका दिया है.

और कुछ महिने में होनेवाले विधानसभा चुनाव और लोकसभा उपचुनाव को देखते हुए तस्वीर बता रही है कि कई नेता असमंजस में हैं. जिन्होंने राज्यसभा की लॉटरी जीती और राज्यसभा सीटें जीतीं, श्री अशोक चव्हाण और श्री अजीत गोपछड़े को छोड़कर, सभी राजनेताओं को आनेवाले चुनावों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अशोक चव्हाण की अपनी बेटी को राजनीति में सक्रिय कर जिम्मेदारी देने की प्रबल इच्छा है।

पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री भास्कर राव पाटिल खतगांवकर उनकी पुत्रवधू डॉ. मीनल खतगांवकर को राजनीति में सक्रिय करने के बाद प्रदेश में कोई अहम पद हासिल करने की प्रबल इच्छा है. ऐसा प्रतीत होता है कि गणेश उत्सव ऐसे सभी विचलित एवं हतप्रभ लोगों को आस्था एवं भक्ति के बल पर आगे बढ़ाने में अवश्य सहायक होगा।