मुंबई| राज्य के कोने-कोने से कार्यों के निष्पादन के लिए नागरिक मंत्रालय में आते हैं। इस कारण मंत्रालय में आने वाले नागरिकों की संख्या बड़ी होती है। परिणामस्वरूप, मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव पड़ता है। मंत्रालय में आने वाले नागरिकों, यहाँ के अधिकारियों और कर्मचारियों को सरल प्रवेश मिले और सुरक्षा भी अक्षुण्ण रहे, इसके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग किया जाए, ऐसे निर्देश मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिए।

मंत्रालय में आयोजित बैठक में मंत्रालय सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने की। बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. इकबालसिंह चहल, पुलिस महानिदेशक रश्मि शुक्ला, बृहन्मुंबई के पुलिस आयुक्त विवेक फणसळकर, विशेष पुलिस आयुक्त देवेन भारती, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, सचिव डॉ. श्रीकर परदेशी आदि उपस्थित थे।

कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी आधुनिक तकनीक के माध्यम से मंत्रालय प्रवेश से लेकर बाहर निकलने तक की व्यवस्था कार्यान्वित करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि मंत्रालय से विधान भवन में कार्यालयीन कामकाज के लिए अधिकारी और कर्मचारी जाते हैं। अधिवेशन के दौरान तो विधान भवन और मंत्रालय के बीच आवाजाही बढ़ जाती है। विधान भवन में नियमित कार्यालयीन काम के लिए जाने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों को सभी स्थानों पर प्रवेश वाले सुरक्षा पास दिए जाएं।

मंत्रालय से विधान भवन तक भूमिगत मार्ग का काम चल रहा है। इस भूमिगत मार्ग के जरिए विधान भवन जाने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रवेश उपलब्ध कराया जाए, ऐसे निर्देश भी श्री फडणवीस ने दिए। मंत्रालय में प्रत्येक मंजिल पर सुरक्षा जाली का काम पूर्ण किया जाए। काम पूर्ण होने के बाद मध्य भाग में लगाई गई सुरक्षा जाली को हटाने की कार्रवाई की जाए। मंत्रालय प्रवेशद्वार पर वस्तुओं और सामग्री की कड़ी जांच की जाए। कोई भी आपत्तिजनक वस्तु या सामग्री मंत्रालय में न आए, इसकी सावधानी बरती जाए, ऐसे निर्देश मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने दिए।
आधार की तर्ज पर अब बुनियादी परियोजनाओं को मिलेगी विशिष्ट पहचान संख्या सभी समाज विकास निगम एक आईटी प्लेटफॉर्म पर होंगे एकीकृत
जिस प्रकार आधार एक व्यक्ति की विशिष्ट पहचान है, उसी प्रकार अब प्रत्येक बुनियादी सुविधा परियोजना को विशिष्ट पहचान संख्या (यूनिक आईडी) प्रदान की जाएगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं अन्य मंत्रीगण उपस्थित थे।
वर्तमान में विभिन्न विभाग एक ही स्थान पर एक जैसे विकास कार्य करते हैं, जिससे करोड़ों रुपयों का नुकसान होता है। जैसे आधार संख्या के कारण फर्जी लाभार्थियों और दोहराव वाले नामों को हटाया गया, वैसे ही इस निर्णय से विकास कार्यों में दोहराव को रोका जा सकेगा। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि इससे विकास कार्यों का उचित नियोजन और समन्वय सुनिश्चित होगा। यह जानकारी पीएम गतिशक्ति पोर्टल, ग्राम विकास पोर्टल, महाराष्ट्र रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन सेंटर (एमआरसैक) आदि से एकीकृत की जाएगी।
इस फ्रेमवर्क को तैयार करने के लिए नियोजन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजगोपाल देवरा की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। समिति में प्रधान सचिव (व्यय) सौरभ विजय, ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एकनाथ डवले और नासिक के विभागीय आयुक्त प्रवीण गेडाम शामिल हैं।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, राज्य के सभी समाज विकास निगमों को एक आईटी प्लेटफॉर्म पर लाया जाएगा। इससे सभी विकास निगमों की योजनाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होंगी, जो ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ के लक्ष्य को साकार करेगा। इस एकीकरण के लिए नगर विकास-1 के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम गुप्ता की अध्यक्षता में चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। बैठक में ‘ई-ऑफिस’ की तर्ज पर ‘ई-कैबिनेट’ की भी शुरुआत करने पर चर्चा हुई। राज्य मंत्रिमंडल का संपूर्ण मसौदा अब टैबलेट के माध्यम से संभाला जाएगा, जिससे कागज की बचत होगी और पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी।