हिमायतनगर, एम् अनिलकुमार। पिछले 24 तारीख से महिला-पुरुष मजदूरों ने हिमायतनगर में नगर पंचायत के सामने धरना देना शुरू कर दिया था. जब आंदोलन चल रहा था, तब विधायक ने दो बार शहर का दौरा किया, लेकिन उन्होंने आंदोलन स्थल का एक बार भी भेट नहीं कि। आंदोलन की तीव्रता बढ़ती जा रही है, यह महसूस करते हुए सातवें दिन विधायकों ने दौरा किया और यह जताने की कोशिश की कि आंदोलनकारियों की मांगों को मैं ही पूरा कर सकता हूं. चूंकि पिछले चुनाव में इन निवासियों को सैंपल क्रमांक 43 स्वामित्व प्रमाणपत्र देने का कांग्रेस के वादा विधायक ने किया था, लेकिन यह वादा आज भी हवा में है। इसलिए, यह बहुत बड़ी त्रासदी है कि निर्वाचन क्षेत्र की महिलाओं को न्याय के अधिकार के लिए सात दिनों तक विरोध प्रदर्शन करना पड़ता है। राजनैतिक नेतागण अपना काम करते रहेंगे, हम आंदोलनकारी अपना आंदोलन करेंगे ऐसा कहते हुए कॉमरेड उज्वला पडलवार ने नगर पंचायत होश में आओ… होश में तुमको आना होगा.. आना होगा… आना होगा… हमारी मांगें पूरी करो.. नहीं तो कुर्सियां खाली करो.. ऐसे नारे देते हुए उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि जब तक उपस्थित लोगों को लिखित आश्वासन और जॉब कार्ड वितरित नहीं किया जाता तब तक आंदोलन जारी रहेगा। आखिरकार श्याम को नगरपंचायत ने लिखित आश्वासन देने के बाद आंदोलन वापिस लिया गया किन्तु तुरंत जॉबकार्ड और घरो का सामित्व प्रमाणपत्र देने में देरी हुई तो आनेवाले दिनों में आंदोलन अधिक तीव्र होगा और चुआव के लिए मतदान करने पर निषेध होगा ऐसा भी आंदोलनकारियों ने कहा

जन विकास समन्वय संघर्ष समिति एवं सी.टु. श्रमिक संघ हिमायतनगर ने आंदोलन के संबंध में तारीख 8 अगस्त 2024 को पत्र दिया था. उस पत्र में लिखा था कि 10 दिन के अंदर जॉब कार्ड अप्लाई कर दिया जाए, लेकिन जॉब कार्ड नहीं मिला, बाकी मांगों का क्या हल निकलेगा इसा बात से परेश हुए लोगो को नगरपंचायत द्वारा गोलमाल उतर दिए गए हैं, इससे तारीख 24 सितंबर 2024 से नगर पंचायत के सामने अनिश्चितकालीन शृंखलाबद्ध भूख हड़ताल की जा रही है. पिछले 70 सालों से शहर के बेघर, गरीब लोग ग्राम पंचायत द्वारा दी गई जमीन पर रह रहे हैं. उस स्थल पर सैकड़ों परिवार कच्चे मकान बनाकर रहते हैं और नगर पंचायत को मकान किराया, जलापूर्ति व अन्य कर अदा करते हैं. उस घर का सर्वे करने के बाद उन्हें सैंपल नं. 43 ए मकान का मालिकाना हक का प्रमाण पत्र दे दिया जाए।

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं शासन के निर्णय दिनांक 31/10/2023 के अंतर्गत ठेका सफाई कर्मियों के लिए न्यूनतम वेतन सख्ती से लागू करें। हिमायतनगर नगरपंचायत सीमा में महिला स्वयं सहायता समूह बनाकर और सरकारी योजनाओं से लाभान्वित करके महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक स्तर को ऊपर उठाना होगा। बुजुर्ग भूमिहीन दिव्यांग लाभार्थियों को प्रति माह 5000 रुपये की सब्सिडी देंनी होगी। निराधार योजना में (21000 से कम आय और कृषि तथा कोई संतान नहीं) जैसी दमनकारी शर्तों को समाप्त करें। वरिष्ठ नागरिकों को 10,000 रुपये की पेंशन देकर आरामकेंद्र की स्थापित करें। हिमायतनगर शहर में एम.आई.डी. सी. बनाकर युवाओं को रोजगार दो. हिमायतनगर शहर और तालुका में सूखा घोषित करें।

किसानों का सामूहिक कर्ज माफ करें, गारंटी मूल्य के साथ सरकारी खरीद केंद्र शुरू करें। ऐसी मांग को लेकर शहर में पिछले सात दिनों से आंदोलन चल रहा है. दो बार दौरा कर इस आंदोलन का समर्थन कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रेखाताई चव्हाण कर चुकी हैं. इस बीच नगर पंचायत प्रशासन के अधिकारी ने सोमवार को सातवें दिन दोपहर आंदोलनकारी की मांग पर चर्चा की. लेकिन वह चर्चा विफल हो गई है, केवल मौखिक चर्चा से काम नहीं चलेगा, लिखकर दीजिए कि हमारी सारी मांगें मान ली गई हैं. अन्यथा हमारा आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा, चेतावनी देते हुए कहा कि हम न्याय की मांग को लेकर नगर पंचायत की निष्क्रियता के खिलाफ कार्यालय में घुसकर प्रदर्शन करेंगे. ऐसी चेतावनी कॉमरेड उज्जवला पडलवार, कांग्रेस की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. रेखाताई चव्हाण ने दी. इस बीच प्रदर्शनकारियों की ओर से मानगो के लिए मुख्य पदाधिकारी को फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने यह कहकर पिछले सात दिनों से चल रहे प्रदर्शनकारियों की समस्याओं का समाधान करने से इनकार कर दिया और जब विधायक ने फोन किया तो नगरपंचायत के अधिकारी ने तो तुरंत फोन उठाया. इस पर जब कॉमरेड उज्वला पडलवार भड़कीं तो मुख्य अधिकारी द्वारा सात दिनों से धरना दे रही महिलाओं के आंदोलन की अनदेखी करने का आरोप लगाया, साथ ही उन्हें इस आंदोलन से लेना-देना नहीं है, क्रिन्तु अधिकारी पद पे विराजमान रहने के कारन वे हमारी सभी महिलाओं की मांगों को पूरा करें और तुरंत जॉबकार्ड बांटें. साथी ही उन नागरिकों को स्वामित्व प्रमाणपत्र जारी करें जिन्हें अब तक नमूना संख्या 43 जारी नहीं किया गया है। अन्यथा चेतावनी दी गई है कि आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा और दिन-ब-दिन उग्रता बढ़ती जाएगी. चेतावनी से हैरान नप अधिकारियों ने शाम पांच बजे नौ महिलाओं को जॉब कार्ड बांटे और यह भी लिखित आश्वासन दिया गया है कि, प्रतिदिन 40 लोगों को जॉब कार्ड वितरित किये जायेंगे. और स्वामित्व ४३ नंबर के लिए वरिष्ठ सरकारी निर्णय के अनुसार वरिष्ठों की और स्मरणपत्र भेजकर सर्वे किया जाएगा। इससे प्रदर्शनकारियों ने विगत सात दोनों से जारी धरना वापिस लिया. इस मौके पर कॉमरेड दिगंबर काले, डांगे, उपाध्यक्ष नविन मादसवार, गणेश रच्छेवार, आदि के साथ सेकड़ो की तादाद में महिला-पुरुष आंदोलनकारी मौजूद थे.
महिलाओं ने अधिकार पाने के लिए लड़ना सीखना चाहिए – डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर
एक महिला का दर्द दूसरी महिला महसूस कर सकती है… मैं हमेशा आपके साथ हूं… राजनीति दूसरी तरफ, समाज कारण एक तरफ… मैं समाज के लिए काम करने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता हूं। संगठन हर चीज़ को संभव बनाता है. आज आपने जो संगठन बनाया है, उसके कारण प्रशासन पर दबाव बना है. और मांगे पूरी हुई है, मांगे अमल में लाइ जानेतक आपको आगे लढना होगा। डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर ने आंदोलनकारी महिलाओं को संदेश दिया कि महिलाओं को संगठित होकर संघर्ष कर अपने अधिकार प्राप्त करने के लिए एकसंघ होना चाहिए। आप जब भी बुलाएँगे में सामाजिक कारकर्ता के नाते उपस्थित हूँगी ऐसा अभिवचन दिया.