हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| हिमायतनगर तहसील के तीनों मंडलों में भारी बारिश हुई है, जिससे किसानों की 100 फीसदी फसलें बर्बाद हो गई हैं. साथ ही मकान भी गिरे हैं और आज 10 दिन बाद भी सरकार की ओर से कोई मदद की घोषणा नहीं की गई है. इसलिए सैकड़ों किसानों को लेकर कांग्रेस की महिला क्षेत्र की उपाध्यक्ष डाॅ. रेखा चव्हाण ने हिमायतनगर तहसील कार्यालय में धावा बोला। किसानों को तत्काल मदद देकर इस संकट से उबारने के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये और प्रति मकान गिरे परिवार को 25 हजार रुपये की मदद देने की मांग की गई है.

हदगांव-हिमायतनगर तालुका में इस माह कि शुरुवाती में भारी बारिश के कारण किसान हताश हो गये हैं. इन किसानों को धैर्य दिलाने के लिए डॉ. रेखाताई चव्हाण गोरलेगांवकर ने सबसे पहले किसान तटबंध पर जाकर मुवाईना कीया। इसके लिए पिछले तीन दिनों से एक पल की भी देरी किए बिना सुबह सवरे विधानसभा क्षेत्र में पैनगंगा नदी के किनारे क्षतिग्रस्त क्षेत्र के किसानों के बांध पर जाकर निरीक्षण किया। उन्होंने नदी के किनारे के लगभग २४ गांवों और हिमायतनगर तालुका के अन्य ऐसे गांवों का दौरा किया और क्षतिग्रस्त फसलों का निरीक्षण किया।

और आज 09 सितम्बर को सैकड़ों किसानों को लेकर हिमायतनगर तहसील कार्यालय पर धावा बोल दिया। इस अवसर पर तहसीलदार पल्लवी टेमकर को हकीकत बताई कि भारी बारिश के बाढ़ के पानी से फसलें कीचड़मय हो गई हैं और बाढ़ के कारण गाद जमा होने से मिट्टी की बनावट किस तरह खराब हो गई है। इस स्थिति से अवगत कराया गया और नदी किनारे के किसानों के लिए विशेष पैकेज और अन्य सभी किसानों को 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर अनुदान देने की भी मांग की गयी. साथ ही, बरसात के कारण गिरपडे घर परिवार को कम से कम 25 हजार रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए ऐसा भी उन्होने कहा।

हिसके साथ पिछले वर्ष का रुका हुआ फसल बीमा का भुगतान तत्काल किया जाए। किसानों के सभी कृषि उपकरण जीएसटी से मुक्त हों, फसल को एमएसपी (गारंटी मूल्य) मिले, सिर्फ किसान ने दुनिया का पेट भरने का ठेका नहीं ले रखा है। ऐसा कहते हुए तहसीलदार पल्लवी टेमकर के माध्यम से सरकार को एक बयान भेजा गया है जिसमें उनसे एक सरकार के रूप में अपनी जिम्मेदारी समझाने, गांवों की संख्या घोषित करने के बाद तत्काल सहायता प्रदान करने और नदी किनारे के गांवों को विशेष सब्सिडी देने को कहा गया है।
पिछले वर्ष में सर्वे के दौरान तलाठी, मंडल अधिकारी ने पॉकेट गरम करणे वाले लोगो को अधिक सब्सिडी दिलाने का रिपोर्ट भेजा था. इसलिए वास्तविक पीड़ित सरकारी सहायता से वंचित रह गये हैं. वही बगल के मंडल में किसानों को ज्यादा मदद मिली है और उससे सटे अन्य मंडलों में किसानों को कम मदद मिली है. किसानों की ओर से उन्होंने इस पर पूरा ध्यान देने और यह सुनिश्चित करने की मांग की कि इस साल की सहायता में ऐसी कोई गड़बड़ी न हो. अन्यथा महिला कांग्रेस की क्षेत्रीय उपाध्यक्ष और नांदेड़ जिला महिला प्रभारी अध्यक्ष रेखाताई चव्हाण ने भी चेतावनी दी कि प्रशासन को किसानों कि और से होनेवाले आंदोलन का सामना करना पड़ेगा. इस अवसर पर उनके साथ पलसपुर, डोल्हारी, सिरपल्ली, कोठा, बोरगडी, टांडा 1, टांडा 2, धानोरा, वारंगटाकली, मंगरुल, खैरगांव ज, वडगांव ज, सिबदरा, कार्ला सहित कई गांवों के किसान तहसील कार्यालय में उपस्थित हुए थे.