नांदेड, एम अनिलकुमार| पिछले पाँच-छह दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण नांदेड जिले समेत हिमायतनगर तालुका के अधिकांश किसानों की सोयाबीन की फसल पर पीला मोजेक का प्रकोप शुरू हो गया है। इससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है। पहले घोंघे और अब पीला मोजेक, सोयाबीन की फसल के साथ उगने वाले घास और खरपतवारों का प्रकोप इस साल के खरीफ सीजन के लिए नुकसानदेह होगा..? किसानों में ऐसी चिंताएँ व्यक्त की जा रही हैं।
हिमायतनगर तालुका के किसानों ने जून के महीने में सोयाबीन की बुवाई की थी। लगभग एक महीना हो गया है, और अब रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण सोयाबीन की फसलें हवा में लहराने लगी हैं। शुरुआत में सोयाबीन पर घोंघे के हमले से किसान परेशान थे। ज़्यादातर सोयाबीन की फसलें कुतर गईं और फिर कीड़ों का प्रकोप शुरू हो गया। इसी बीच, पहाड़ी की चोटी से बारिश शुरू हो गई।
पाँच-छह दिनों तक लगातार हुई बारिश और छिड़काव से घोंघे पर नियंत्रण में मदद मिली। हालाँकि, बारिश के बाद सोयाबीन पर पीले मोज़ेक का प्रकोप और सोयाबीन के साथ-साथ घास और खरपतवारों कि भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है।