हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| 7 वर्ष पूर्व हिमायतनगर में 14 लाख की निधि देकर पत्रकार भवन का उद्घाटन भी किया गया था। लेकिन, पत्रकार भवन तो पूरा नहीं हो सका, उल्टे निर्माण की राशि के साथ-साथ जगह की चोरी हो जाने से पत्रकार बंधुओं की समस्या लटक गयी है. जन प्रतिनिधि ने आम जनता की तरह पत्रकारों को भी गुमराह किया है. इसे लेकर पत्रकारों ने नाराजगी जताई है और सोमवार को आयोजित वार्षिक बैठक में पत्रकारों ने यह संकल्प लिया है कि, भविष्य में इस मुद्दे पर जन प्रतिनिधियों से जवाब मांगा जायेगा.

हिमायतनगर शहर एवं ग्रामीण मराठी पत्रकार संघ की वार्षिक बैठक तारीख 21 सोमवार को वरिष्ठ पत्रकार अशोक अनगुलवार की अध्यक्षता में हिमायतनगर स्थित श्री परमेश्वर मंदिर कार्यालय में संपन्न हूई। इस बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में पत्रकारों को रिपोर्टिंग और विज्ञापन एकत्र करने में आने वाली समस्याओं, राजनीतिक नेताओं और प्रशासनिक तंत्र द्वारा सूचना देणे में बरती जाणवली लापरवाही, आगामी विधानसभा चुनावों में आचार संहिता और पत्रकारों की भूमिका पर चर्चा की गई।

इस समय कई वरिष्ठ पत्रकारों ने मार्गदर्शन करते हुए सवाल उठाया कि पत्रकार भवन क्यों नहीं बनाया गया. उपस्थित सभी पत्रकारों ने पत्रकार भवन के निर्माण कार्य के भव्य उद्घाटन एवं राशि के साथ-साथ जगह की लूट को लेकर नाराजगी व्यक्त की. राजनीतिक नेताओं और सरकारी अधिकारियों को पत्रकारों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार करना चाहिए। इसके लिए समाज के वंचित वर्ग को कानून के दायरे में न्याय दिलाने के लिए मिलकर काम करने का निर्णय लिया गया। सरकारी कार्यालयों में अधिकारी पत्रकारों को आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायें, अन्यथा संगठन के माध्यम से अधिकारी के विरूद्ध शिकायत कर जवाब मांगा जायेगा।

विभिन्न कार्यों को लेकर हर माह समीक्षा बैठक की जायेगी और भवन के लंबित कार्यों पर संबंधित अधिकारियों सहित जन प्रतिनिधियों को पुच्छताच कर समाधान निकाला जायेगा. बताया गया है कि पुराने अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त होने के कारण नये अध्यक्ष के चुनाव को लेकर 25 तारीख को हिमायतनगर टेभी रोड स्थित श्री साईबाबा मंदिर में बैठक आयोजित की गयी है. इस अवसर पर मराठी पत्रकार संघ के जिला संगठक प्रकाश जैन, डिजिटल मीडिया के जिला कार्यकारी अध्यक्ष अनिल मादसवार, वरिष्ठ पत्रकार अशोक अंगुलवार, कानबा पोपलवार, दत्ताभाऊ शिराणे, पांडुरंग गाडगे, सैयद मनानं भाई, संजय मुनेश्वर, ज्ञानेश्वर पंदलवाड, लक्ष्मण माने, अनिल भोरे, वसंत राठौड़, दिलीप शिंदे, रवि राठौड़, धम्मपाल मुनेश्वर, सदाशिव पतंगे, नागेश शिंदे, धोंडोपंत बनसोडे, गंगाधर पड़वले, गजानन चायल, नागोराव शिंदे, परमेश्वर सूर्यवंशी, अनिल नाइक, अंगद सुरोशे, संदीप कोमावर आदि उपस्थित थे।