नांदेड, एम अनिलकुमार| नांदेड जिले में प्रकृति की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाला सहस्रकुंड जलप्रपात पिछले चार महीने से पैनगंगा नदी में पानी की कमी के कारण थमा हुआ था। पिछले दो दिनों से हो रही लगातार बारिश के कारण सहस्रकुंड जलप्रपात फारसे छलक उठा है। इसके कारण पर्यटकों का तांता लगना शुरू हो गया है।

विदर्भ मराठवाड़ा सीमा पर स्थित नांदेड़ जिले के हिमायतनगर – किनवट तालुका में आनेवाले सहस्रकुंड जलप्रपात पर्यटकों के लिए खुशी का संदेश देनवाला है। पिछले दो दिनों से हो रही लगातार भारी बारिश के कारण प्रकृति की खूबसूरती में चार चांद लगाने वाला सहस्रकुंड जलप्रपात छलक उठा है। जलप्रपात का मनोरम दृश्य देखने के लिए मराठवाड़ा ही नहीं बल्कि मुंबई, पुणे, हैदराबाद, म्हैसा, निजामाबाद, आदिलाबाद आदि स्थानों से भी पर्यटक इस पर्यटन स्थल पर आ रहे हैं।


पानी की कमी के कारण झरना बंद क्षतिग्रस्त हो गया था, जिससे पर्यटकों को निराशा का सामना करना पड़ रहा था। वर्तमान में, पर्यटक इस पर्यटन स्थल का पूरा आनंद नहीं ले पाते हैं क्योंकि इस स्थान पर पर्यटकों के ठहरने के लिए कोई आवास या रिसॉर्ट जैसी सुविधाएं नहीं हैं। नांदेड़ के तत्कालीन जिला कलेक्टर श्रीकर परदेशी के कार्यकाल में इस पर्यटन स्थल के विकास को बढ़ावा दिया गया था, लेकिन उसके बाद किसी भी प्रशासनिक अधिकारी द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण इस पर्यटन स्थल का विकास बाधित हुआ है। इस क्षेत्र के लोगों की मांग है कि नांदेड़ जिले के कर्तव्यदक्ष जिला कलेक्टर डॉ. राहुल कर्डिले इस पर्यटन स्थल की ओर ध्यान आकर्षित करें और पर्यटको के लिये विशेष सुविधा मूहैय्या कराये।