हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| शहर के वार्ड नंबर एक अंतर्गत आने वाले बजरंग चौक की सड़कों पर सीधे गंदे पानी का जमाव होने से नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में है. इस संबंध में बार-बार चेतावनी देने के बाद भी नगरनिगम द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने से बदबूदार माहौल बना हुआ है। मच्छरों की आबादी बढ़ने से नागरिकों को महामारी का शिकार होना पड़ रहा है। इससे परेशान हुए नागरिकों ने गांधीगिरी का रास्ता अपनाते हुए सीधे सड़क पर पेड़ कि लाकडिया जमाव हुए गंदे पाणी में डालकर सड़क को अवरुद्ध कर दिया है. त्योहारी सीजन में शहर में फैली बदबू नगर निगम की अक्षमता को उजागर कर रही है। कम से कम अब यह मांग की जा रही है कि प्रशासन इस ओर ध्यान दे और किसी भी अप्रिय घटना के घटित होने से पहले गटर जल का उचित निपटान कर इस स्थायी समस्या का समाधान करे.

इस समय शहर में गौरी गणपति का उत्सव चल रहा है, लेकिन तस्वीर बता रही है कि शहर की साफ-सफाई का अनदेखा बाजार मुख्य रस्ते पर दिखाई देता है। जहां-जहां नालियां जाम हैं, वहीं मंदिर एवं मुख्य चौक क्षेत्र में बदबूदार वातावरण बन गया है और मच्छरों का प्रजनन बढ़ गया है। दरअसल, नगर पंचायत प्रशासनिक तंत्र के लिए जरूरी है कि बरसात से पहले नालों की सफाई करायी जाये और सड़क पर गंदे पानी का जमाव नहीं हो, इसके उपाय किये जाये. हालांकि, शहर में हमेशा की तरह साफ-सफाई की अनदेखी के कारण हाल ही में हुई भारी बारिश ने सफाई विभाग की पोल खोल दी है. इससे अब शहर में महामारी जैसी बीमारियां फैलने की आशंका व्यक्त की जा रही है.

पिछले छह माह से बार-बार बजरंग चौक से पलसपुर जाने वाली सड़क पर जमा हो रहे गटर के पानी की व्यवस्था करने की मांग नगर निगम से परिसर के नागरिक द्वारा की गयी थी. इसको लेकर कई बार खबरें भी प्रकाशित हुईं. लेकिन कुंभकर्णी नींद में नगर पंचायत प्रशासन का सफाई विभाग जानबूझकर इस पर ध्यान नहीं देता है. फिलहाल पिछले दो-तीन माह से सीवरेज का पानी जमा होने से गंदे पानी में पैदा होने वाला लार्वा क्षेत्रवासियों के घरों में प्रवेश कर रहा है। इससे नागरिक सचमुच तंग आ चुके हैं और डेंगू, चिकनगुनिया, डायरिया, बुखार, सर्दी, खांसी आदि बीमारियां बढ़ने की आशंका नागरिक व्यक्त कर रहे हैं.

जिस प्रकार नगर पंचायत टैक्स वसूली में पहल करती है, उसी प्रकार जनता को सुरक्षित स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए पहल की जानी चाहिए। और मांग की गई है कि वार्ड नंबर 1 में बजरंग चौक रोड पर जमा गटर (सीवरेज) के पानी का स्थाई निस्तारण किया जाए और शहर के अन्य वार्डों से निकलने वाले गंदे पानी का स्थाई निस्तारण किया जाए. अन्यथा दुर्गंध व साफ-सफाई से परेशान नागरिक नगर पंचायत पर शेकडो कि तादाद में उपस्थित होकर जवाब मांगने की योजना बना रहे हैं. इस क्षेत्र के युवाओं ने यह भी चेतावनी दी है कि इसके परिणाम की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन की होगी.
शहर के सभी वार्डों में सड़कों की खुदाई के कारण दुर्गंधयुक्त गंदा पानी सीधे सड़कों पर जमा हो गया है, जिससे क्षेत्र के नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में पड़ गया है. क्या नगर निगम के सफाई विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की नजरों में यह रूप नहीं दिखता..? क्या यही है हिमायतनगर शहर में करोड़ों रुपये कि लागत का विकास..? ऐसा सवाल मच्छरों की उत्पत्ति और व्याप्त बदबू से परेशान नागरिक उठा रहे हैं। हिमायतनगर शहर की साफ-सफाई के लिए नगर पंचायत हर महिने बड़ी धनराशि खर्च करती है, लेकिन नगर पंचायत द्वारा नियमित रूप से नाली की सफाई नहीं किये जाने के कारण नाली का गंदा व बदबूदार पानी सीधे सड़क पर जमा हो रहा है. यदि कोई वाहन सड़क से गुजरता है तो वही गंदा पानी राहगीरों पर उछलकर गीर पडता है, जिससे नगर क्षेत्र के नागरिक दुर्गंध से परेशान हो रहे हैं.
फिर से हिमायतनगर नगरपंचायत का कारोबार प्रभारित
पिछले तीन वर्षों से हिमायतनगर शहर की नगर पंचायत के प्रभारी की जगह प्रशासक और फिर प्रभारी को नियुक्त किया गया है। ऐसे में शहर की प्रमुख सफाई व्यवस्था, सार्वजनिक खंभों पर लाईट और पेयजल की समस्या जस की तस बनी हुई है। इस मामले को ध्यान में रखते हुए यह मांग की जा रही है कि कलेक्टर अभिजीत राऊत हिमायतनगर नगर पंचायत के कुप्रबंधन पर ध्यान दें और शहर के नागरिकों को नागरिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्थायी रूप से एक जिम्मेदार मुख्य अधिकारी की नियुक्ति करें.