हिमायतनगर (एम अनिलकुमार) मोबाइल एक गंधहीन शराब है। छोटी उम्र में बच्चों को मोबाइल फोन देना उनके भविष्य के लिए बहुत हानिकारक है। इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों के हाथ में मोबाइल फोन नहीं देना चाहिए। हमें जीजाऊ और सावित्रीबाई के कार्यों से सीखना चाहिए कि संस्कारों से ही एक पीढ़ी का निर्माण होता है। वेंकट स्वामी महाराज ने श्रावण मास में आयोजित धार्मिक उत्सव के समापन अवसर पर हिमायतनगर स्थित श्री परमेश्वर मंदिर में उपस्थित लोगों को मार्गदर्शन करते हुए यह मूल संदेश दिया।

इस अवसर पर एक माह तक चलने वाले ओम नमः शिवाय नाम जप यज्ञ का समापन हुआ। इस माह के दौरान भजन मंडल ने रात्रि सत्र में भाग लिया। उन सभी भजन मंडलों का वेंकट स्वामी महाराज ने अभिनंदन किया। समापन अवसर पर पूर्व विधायक माधवराव पाटिल जवलगांवकर द्वारा श्रद्धालुओं के लिए महाप्रसाद का आयोजन किया गया।


इस अवसर पर मार्गदर्शन देते हुए परमपूज्य बालयोगी वेंकट स्वामी महाराज ने कहा कि, बिना गंध वाली शराब मोबाइल फोन की तरह है, अगर आप अपने बच्चों को खुश रखना चाहते हैं, तो उन्हें मोबाइल फोन से दूर रखें। बच्चों में अच्छे संस्कार डालें, उन्हें देश के सैनिकों के आदर्श सिखाएँ, उनमें सैनिक बनने के संस्कार डालें। देश की सीमाओं पर लड़ रहे सैनिकों के कारण ही हम सुरक्षित हैं। इसके लिए सभी को प्रतिदिन एक बार सैनिकों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। बालगोपाल पर सनातन हिंदू धर्म के विचार और संस्कार डालें। आज देश को युवा, नशामुक्त, सुसंस्कृत नेतृत्व की आवश्यकता है।



आगामी कुछ वर्ष में पिंपलगांव में कथा समारोहों का आयोजन किया गया है, उन्होने कहा कि पिछले वर्ष आयोजित शिव महापुराण कथा की तरह, इन समारोहों में न केवल राजेंद्रदास महाराज आएंगे, बल्कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री, रामदेव बाबा सहित कई प्रसिद्ध संत भी उपस्थित होंगे। उनके साथ हजारों संतों और महंतों की उपस्थिति में बड़े धार्मिक समारोह आयोजित किए जाएँगे। इसके लिए विभिन्न ग्रामवासियों से अभी से सेवा प्रदान करने के अवसर तलाशे जा रहे हैं।


बालयोगी वेंकट स्वामी महाराज बापू एक दिव्य शक्ति हैं। अगर बापू आने का वादा करते हैं, तो वे जहाँ भी होंगे, समय पर आएँगे। श्री परमेश्वर मंदिर में बापू के मार्गदर्शन में आयोजित ॐ नमः शिवाय यज्ञ में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। मुझे पिंपलगाँव में सेवा करने का अवसर मिला। संतों के सानिध्य में रहना निश्चित रूप से अच्छा होता है। मैंने इसका अनुभव किया है। इसलिए पूर्व विधायक माधवराव पाटिल जवलगाँवकर ने विश्वास व्यक्त किया कि यदि सभी लोग संतों के साथ अध्यात्म का संबंध बनाकर कार्य करें, तो जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएँगे।