हिमायतनगर, एम अनिलकुमार | भक्ति मार्ग अंधविश्वास नहीं, विज्ञान का एक अंग है। किसी भी मंदिर में दर्शन के लिए जाते समय, भक्तों को सीधे गर्भगृह में प्रवेश नहीं करना चाहिए। यदि कोई अंदर जाना चाहता है, तो उसे मंदिर की पवित्रता बनाए रखने के लिए गीले कपड़े में भगवान के दर्शन करने चाहिए। यदि वे पवित्रता बनाए नहीं रख सकते, तो उन्हें बाहर से ही दर्शन करना चाहिए। मंदिर की पवित्रता बनाए रखना केवल प्रबंधन की ही नहीं, बल्कि प्रत्येक भक्त की भी समान जिम्मेदारी है, और इसका कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए, ( Maintaining the sanctity of the temple is not only the management’s responsibility, but every devotee’s equal responsibility – Balayogi Venkata Swami Maharaj) ऐसी अपील परम पूज्य बालयोगी वेंकट स्वामी महाराज ने की।
वे हिमायतनगर (वाढोणा) स्थित श्री परमेश्वर मंदिर में पवित्र श्रावण मास में एक माह तक निरंतर चलने वाले ओम नमः शिवाय नाम जाप यज्ञ के संबंध में मंगलवार को आयोजित बैठक में उपस्थित श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हुए बोल रहे थे। मंदिर आगमन पर स्वामीजी ने सर्वप्रथम श्री परमेश्वर विग्रह के हृदय से दर्शन किए, तत्पश्चात मंच पर विराजमान होने के पश्चात मंदिर के उपाध्यक्ष महावीर चंद श्रीश्रीमाल के हाथों पुष्पमाला अर्पित कर स्वामीजी का स्वागत किया गया। इस अवसर पर आगे मार्गदर्शन देते हुए बालयोगी वेंकट स्वामी महाराज ने कहा, “मानव जीवन का वास्तविक अर्थ ईश्वर के नाम-जप से ही प्राप्त होता है। इसलिए निरंतर नाम-जप करते रहना चाहिए।”
जीवन में कुछ अच्छे कर्म करने के लिए, सभी को कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए, माता-पिता की सेवा करनी चाहिए, संतों का सम्मान करना चाहिए, श्मशान घाट की सफाई में भाग लेना चाहिए, पशु-पक्षियों और भूखों को भोजन-पानी देना चाहिए, परेशान से गहिरे लोगो की यथाशक्ति सेवा करनी चाहिए। धार्मिक कार्यों में भाग लेना चाहिए और अच्छे सार्वजनिक कार्यक्रमों में सेवा करनी चाहिए। जहाँ भी अन्नदान की कतारें लगी हों, वहाँ भोजन परोसने के साथ प्लेट धोने कि सेवा करनी चाहिए। मृत्यु के बाद कुछ भी साथ नहीं आता। आता है तो केवल पुण्य कर्म हैं। इसलिये उन्होंने कहा कि, जीवन को सार्थक बनाने और पुण्य कमाने के लिए ईश्वर के नाम-जप के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
हिमायतनगर स्थित श्री परमेश्वर मंदिर में मंदिर ट्रस्टी की पहल से पिछले दो वर्षों से श्रावण मास में निरंतर “ॐ नमः शिवाय” नामजप यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष यज्ञ का तीसरा वर्ष है। इस वर्ष, सबसे अधिक संख्या में नामजप यज्ञ में लोगों को बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए। इसके लिए, ट्रस्टी और यज्ञ समिति को शहर की हर गली में पुरुषों और महिलाओं को नामजप यज्ञ में भाग लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। एक महीने तक चलने वाले इस यज्ञ में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक महिला समूहों को भाग लेना चाहिए और पुरुष भक्तों को शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक नामजप यज्ञ में समय देना चाहिए। जीवन में पुण्य कमाना है तो पवित्र नामजप यज्ञ में भाग लें और अपने जीवन को धन्य बनाएं, ऐसा आह्वान बालयोगी वेंकटस्वामी महाराज ने किया।