हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| तालुका के चिंचोड़ी इलाके में शिकार की तलाश में आए एक तेंदुए की बिजली का झटका लगने से मौत हो गई है। यह घटना मंगलवार 4 तारीख की सुबह प्रकाश में आई। इस बीच, वन विभाग ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। और घटना किस कारण हुई हिसके लिये सैंपल लैब को भेज दिया है।

नांदेड जिले में आनेवाले हिमायतनगर तालुका के वाशी क्षेत्र में अच्छी मात्रा में जंगल है। इस जंगल में हमेशा से तेंदुए रहते आये हैं। एक भूखा तेंदुआ भोजन की तलाश में जंगल से होकर बहने वाली एक छोटे नाले में उतर रहा था, तभी उसने एक पेड़ पर बंदरों का एक झुंड देखा। उसी समय वह पेड़ पर चढ़ गया और एक बच्चे बंदर कि शिकार कि। जब तेंदुआ अपने शिकार को जबड़ों में लेकर पेड़ से नीचे उतर रहा था, तो उसका पैर पेड़ के पास लगी 11 केवी बिजली की लाइन से लगी, जिससे तेंदुए को गंभीर बिजली का झटका लगा।

इस घटना में तेंदुए की मौके पर ही मौत हो गई। वह बन्दर का बच्चा जिसे तेंदुए ने जबडे में पकड लिया था। उस बन्दर का बच्चा भी बिजली के करंट से मर गया है। घटना की जानकारी मिलने पर जिला वन संरक्षक केशव वाबले, सहायक वन संरक्षक ठाकुर और वन परिक्षेत्र अधिकारी बालाजी चव्हाण के मार्गदर्शन में वन परिक्षेत्र अधिकारी अमोल कदम, वनरक्षक वानोले और वनकर्मी शेख अहमद घटनास्थल पर पहुंचे। इस दौरान पशु चिकित्साधिकारी डा. योगेन्द्र येवतीकर, डॉ. उमेश सोनटक्के को बुलाया गया। शव परीक्षण के बाद स्थानीय वन विभाग ने अंतिम संस्कार की रस्में पूरी कीं।

वर्तमान में, चूंकि जंगल में सभी प्राकृतिक जल निकाय वाष्पित हो चुके हैं, इसलिए जंगल में जंगली जानवरों के लिए पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। इसके लिए वन विभाग को महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है। प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि तेंदुए की मौत बिजली के झटके के कारण हुई। लेकिन जंगल में ए. श्रेणी का पशु तेंदुआ है, इसलिए इस तेंदुए की मौत का कारण पता लगाना बहुत महत्वपूर्ण है और वरिष्ठ नागरिकों को इन गंभीर मामलों पर ध्यान देना चाहिए। यह मांग वन्यजीव प्रेमी जनता द्वारा की जा रही है।

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