नांदेड, एम अनिलकुमार| डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (बीएआरटीआई) नांदेड़ की समतादूत परियोजना की जिला परियोजना अधिकारी सुजाता मधुकरराव पोहरे ने शिकायतकर्ता के बेटे की जाति सत्यापन और आगे की पढ़ाई के लिए वैधता प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत ली, जिसे भ्रष्टाचार निरोधक विभाग ने रंगे हाथों पकड़ा ( In Nanded, District Project Officer Sujata Pohre was caught red-handed taking a bribe of Rs 15,000) है। इस कार्रवाई से यह साबित हो गया है कि नांदेड़ जिले में बिना रिश्वत दिए कोई काम नहीं होता।

शिकायतकर्ता ने आरोपी लोकसेवक सुजाता पोहरे से मुलाकात की। तब उसने कहा कि जिस विभाग में मैं काम करती हूं, उसके बगल में जाति सत्यापन विभाग का काम होता है। वहां मेरी पहचान है और मैं आपका काम करवा दूंगी। लेकिन बिना पैसे दिए काम नहीं होगा। 26 जून 2025 को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, नांदेड़ में शिकायत दर्ज कराई गई थी, जिसमें कहा गया था कि यदि आप टोकन राशि का भुगतान करते हैं, तो आपका काम हो जाएगा, अन्यथा यह नहीं होगा।

लोकसेवक ने शिकायतकर्ता के बेटे की जाति सत्यापन और जाति वैधता प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए कुल 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। समझौता होने के बाद, रिश्वत की मांग इस आधार पर की गई थी कि 15,000 रुपये शुरू में देने होंगे और शेष 15,000 रुपये की राशि जाति सत्यापन प्रमाण पत्र होने के बाद देनी होगी। इसके आधार पर, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने जाल बिछाकर कार्रवाई की है और आरोपी के घर की तलाशी ली जा रही है।
