नांदेड़, एम अनिलकुमार| विधायक द्वारा स्थानीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम के तहत दिव्यांगों के लिए 30 लाख रुपए की निधि खर्च नहीं की जा रही है। साथ ही संजय गांधी निराश्रित लाभार्थियों के मानदेय में भी बढ़ोतरी नहीं की जा रही है। इसलिए नांदेड़ में विधायक के घर के सामने अर्धनग्न होकर दिव्यांगों ने भीख मांगो आंदोलन करते हुए एह मांग की गई है कि विधायक ने आगामी विधानसभागार सत्र में दिव्यांगों के मुद्दे उठाने चाहिए और उन्हें न्याय दिलाना चाहिए।

दिव्यांगों और संजय गांधी निराश्रित लाभार्थियों की मांगों को सत्र में रखने की मांग जोर पकड़ रही है। राजनीतिक नेताओं द्वारा इस ओर ध्यान न दिए जाने के कारण रविवार को बेरोजगार दिव्यांग कल्याणकृति संघर्ष समिति महाराष्ट्र राज्य, दिव्यांग वृद्धि निराधार मित्र मंडल महाराष्ट्र राज्य तथा सकल दिव्यांग संगठन द्वारा नांदेड़ के तरोड़ा नाका क्षेत्र में विधायक हेमंत पाटिल तथा मालेगांव रोड नांदेड़ में विधायक बालाजी कल्याणकर के निवास के सामने अर्धनग्न होकर भीख मांगकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस समय दोनों क्षेत्रों में पुलिस प्रशासन द्वारा भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।


विधायक बालाजी कल्याणकर ने प्रदर्शनकारी दिव्यांगों से मुलाकात की तथा उनकी बात को स्वीकार करते हुए कहा कि कल से शुरू हो रहे सत्र में दिव्यांगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाएंगे। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि में दिव्यांगों के लिए आने वाली राशि को अन्यत्र डायवर्ट किए बिना हर वर्ष खर्च किया जाएगा। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि संजय गांधी निराश्रित लाभार्थियों के मानदेय में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री तथा दोनों उपमुख्यमंत्रियों से चर्चा करेंगे। विधायक बालाजी कल्याणकर के आश्वासन के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपना मार्च विधायक हेमंत पाटिल के घर की ओर मोड़ दिया।

तारोडा नाका क्षेत्र और मालेगांव रोड क्षेत्र में जबरदस्त नारेबाजी और अर्धनग्न भीख मांगने का आंदोलन चला। इस अर्धनग्न भीख आंदोलन में नागरिकों ने दोनों विधायकों के नाम पर 1 रुपए, 2 रुपए, 5 रुपए, 10 रुपए, 20 रुपए, 50 रुपए और 100 रुपए के रूप में भिख मांगे। विधायक हेमंत पाटिल के मौजूद न होने से कुछ देर से नाराज दिव्यांगों ने अपना गुस्सा जाहिर किया और खरी-खोटी सुनाई कि पहले हमारे दिव्यांगों के अभियान और बाद में हमारे प्रचार अभियान के कारण विधायक बनने के बावजूद हमारे अधिकारों का हक दिलाने के लिये विधायक ने निधी खर्च नही किया।
प्रदर्शनकारियों के आक्रमक तेवर को देखते हुए भाग्यनगर पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक संतोष तांबे ने विधायक हेमंत पाटिल से संपर्क किया और उन्हें सच्चाई बताई। इस समय विधायक हेमंत पाटिल ने अपने पिता से प्रदर्शनकारियों से मिलकर बयान स्वीकार करने को कहा। साथ ही सभी दिव्यांगों का सुबह साढ़े दस बजे तक इंतजार किया। देरी से आने के कारण संमेलन के लिए रवाना हो जाने से माफी मांगी।
इस समय दिव्यांग लोगों ने अनुरोध किया कि आप हमारी समस्याओं को सम्मेलन में उठाएं, अन्यथा हम स्थानीय निकाय चुनाव में सत्ताधारी पार्टी की कोई भी बैठक नहीं होने देंगे। विधायक हेमंत पाटिल ने भी आंदोलनकारी दिव्यांग लोगों को आश्वासन दिया कि मैं सम्मेलन में हमारी मांगों को लेकर आवाज उठाऊंगा। और अनुरोध किया कि चाय, नाश्ता और हल्का भोजन किया जाए। आंदोलनकारियों ने अनुरोध स्वीकार कर लिया और इस प्रकार पुलिस प्रशासन के सहयोग से सकल दिव्यांग संगठन का आज का दूसरा चरण पूरा हुआ।
आंदोलन में दिव्यांग संगठन के अध्यक्ष राहुल सीताराम साल्वे, चंपतराव डाकोरे, आदित्य पाटिल, वेंकट कदम, सुनील जाधव, शिवराज बांगरवार, संभाजी सोनाले, शिवाजी सूर्यवंशी, पिंटूभाऊ राजेगोरे, प्रेमकुमार वैद्य, रवि कोकरे, प्रदीप हनावते, मिलिंद सिताले, शेख खालिद, माधव हिवराले, सैयद अतीक, बालाजी इप्टेवार अरालिकर, शेख गौस, कार्तिक कुमार भारतीपुरम, सैयद आरिफ, किरण कुमार शामिल थे। न्यालापल्ली, नारायण तंडालवार, शेख माजिद, बालाजी ढगे, मितकर, सैयद वैद्य मौलाना, शेख सादिक, शेख मतीन, भोजराज शिंदे, सुनील कांबले, शेख सुफियान, सिद्धोधन गजभारे, प्रशांत हनमंते, राजू इराबत्तीन, शेख अलीम, बालाजी ढगे, नवघड़े, मितकरे, भाग्यश्री नागेश्वर, अफरोजा खानम, कल्पनामत, शेख जैनाज, लोनबाई और मुकबधीर सहित हजारों दिव्यांग लोगों ने इसमें भाग लिया, जिनमें बधिर और कम सुनने वाले लोग भी शामिल थे।