नांदेड, एम अनिलकुमार| व्रत के दौरान बड़ी मात्रा में भगर खाया जाता है। महाराष्ट्र और नांदेड़ जिले में भगर खाने से फूड पॉइजनिंग की कई घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। भगर में एस्परगिलस प्रजाति की फफूंद बड़ी मात्रा में होती है। इससे फ्यूमिगैक्लेविन जैसे विषैले तत्व निकलते हैं। मानसून का मौसम फफूंद के पनपने के लिए अनुकूल होता है, इसलिए फफूंदयुक्त भगर खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है।

इसलिए जिला प्रशासन ने नागरिकों से व्रत के दौरान भगर खाने में सावधानी बरतने की अपील की है। साथ हि भगर विक्रेताओं के लिए निर्देश देते हुए काही गया है कि, विक्रेताओं को पैक्ड भगर ही बेचना चाहिए। भगर खरीदते समय थोक विक्रेता से रसीद अवश्य लें। सुनिश्चित करें कि भगर का पैकेट, थैला, निर्माता का पता, लाइसेंस नंबर, पैकिंग तिथि और एक्सपायरी तिथि थैले पर हो। एक्सपायर हो चुका भगर या भगर पिठा नहीं बेचना चाहिए। यदि संभव हो तो एक्सपायर हो चुके भगर और खुले भगर पीठा को बिक्री के लिए नहीं रखना चाहिए।
