नांदेड़| ज़िले में भारी बारिश और सूखे के कारण किसान बड़ी मुसीबत में हैं। फसलों, पशुओं और घरेलू सामानों को भारी नुकसान हुआ है। इसी पृष्ठभूमि में, नांदेड़ ग्रामीण (सिडको) पुलिस स्टेशन के पुलिस निरीक्षक ओमकांत चिंचोलकर ने किसानों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया है।

उन्होंने नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि वे अपना एक महीने का वेतन आपदा प्रबंधन कोष में जमा करें और उसे किसानों के पुनर्वास के लिए दान करें। गौरतलब है कि चिंचोलकर स्वयं एक किसान परिवार से हैं और उनका पैतृक गाँव संगम चिंचोली (तालुका, उमरखेड़ जिला, यवतमाल) विदर्भ में, हदगांव सीमा पर पेनगंगा नदी के पार स्थित है। बाढ़ से प्रभावित हुआ है। हदगाँव में कार्यरत रहते हुए, उन्होंने विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से मदद की एक मिसाल कायम की थी।

चिंचोलकर ने कहा है, “भले ही हम पुलिस प्रशासन में कार्यरत हैं, लेकिन किसानों के संकट में उनके साथ खड़े रहना हमारी सच्ची सामाजिक प्रतिबद्धता है।” नांदेड़ जिले के पुलिस अधिकारियों द्वारा दिखाई गई यह अनुकरणीय सामाजिक संवेदनशीलता किसानों के लिए राहत साबित हो रही है।

