पंढरपुर| पांडुरंग राज्य से संकटों को दूर करने की शक्ति दें, सद्मार्ग पर चलने की बुद्धि दें, बळीराज (किसान) को सुखी और संतुष्ट करने के लिए आशीर्वाद दें, ऐसी प्रार्थना मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने की।

आषाढ़ शुद्ध एकादशी के अवसर पर श्री विठ्ठल-रुक्मिणी की शासकीय महापूजा मुख्यमंत्री फडणवीस ने अपनी पत्नी के साथ तथा मान्यवर वारकरी श्री कैलास दामू उगले, श्रीमती कल्पना कैलास उगले के साथ की। इसके बाद श्री विठ्ठल-रुक्मिणी मंदिर समिति की ओर से मुख्यमंत्री महोदय का सत्कार किया गया, इस अवसर पर वे बोल रहे थे। इस दौरान पालकमंत्री जयकुमार गोरे, जलसंपदा मंत्री गिरीश महाजन, श्रीमती अमृता फडणवीस, विधायक समाधान आवताडे, विधायक सचिन कल्याणशेट्टी, विधायक बाबासाहेब देशमुख, विधायक रणजीतसिंह मोहिते पाटील, विधायक संजय सावकारे, विधायक देवेंद्र कोठे, विधायक अभिजीत पाटील, विभागीय आयुक्त चंद्रकांत पुलकुंडवार, जिलाधिकारी कुमार आशीर्वाद, मंदिर समिति के सह-अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर, कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेलके सहित समिति के अन्य सदस्य एवं मान्यवर उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री फडणवीस ने कहा कि वारी की परंपरा लगातार बढ़ रही है और इस वर्ष वारी ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इतनी बड़ी संख्या में वारकरी पैदल चलकर पांडुरंग के दर्शन हेतु यहां पहुंचे। दिंडियों के साथ तो वारकरी आए ही, परंतु स्वतंत्र रूप से भी बड़ी संख्या में पैदल यात्री आए। विशेष रूप से इस वर्ष की वारी में युवाओं की संख्या अधिक रही। शासन व प्रशासन ने वारकरियों को उत्तम सुविधाएं प्रदान की हैं। पालकमंत्री गोरे के नेतृत्व में प्रशासन ने उत्तम जर्मन हैंगर की व्यवस्था की, जिससे वारकरियों को बेहतरीन सुविधा मिली, ऐसा उन्होंने बताया।

आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर पांडुरंग की पूजा करने का अवसर मिलना, यह सभी के जीवन का आनंद का क्षण है। दिंडियों के साथ अनेक वारकरी स्वेच्छा से पैदल चलकर आए हैं। वारी में प्रत्येक व्यक्ति दूसरों में पांडुरंग को देखता है – ऐसी परंपरा संसार में कहीं नहीं है। हरिनाम गूंज के साथ वारी में एक नई ऊर्जा मिलती है। वारी ने वास्तव में भागवत धर्म का ध्वज ऊँचा रखा है। हमारी यह संस्कृति अद्वितीय है, ऐसा कहकर मुख्यमंत्री ने मान्यवर वारकरियों को पांडुरंग का आशीर्वाद निरंतर प्राप्त होता रहे, ऐसी सद्भावना व्यक्त की।
‘निर्मल वारी’ के माध्यम से बहुत ही अच्छी व आवश्यक व्यवस्था उपलब्ध करवाई गई, जिससे कहीं भी अस्वच्छता देखने को नहीं मिली और निर्मल वारी के साथ हरित, पर्यावरण अनुकूल वारी भी हुई। वास्तव में हमारे संतों ने जो स्वच्छता का संदेश दिया है, वह इस वारी में प्रत्यक्ष रूप से अनुभव में आया। राज्य की प्रगति के साथ-साथ अध्यात्मिक प्रगति भी आवश्यक है, ऐसा मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा।
इस अवसर पर पालकमंत्री और जिला प्रशासन ने वीआयपी दर्शन बंद करने का निर्णय लिया, जिसके कारण सामान्य श्रद्धालुओं के लिए श्री विठ्ठल के दर्शन का समय पाँच घंटे तक बढ़ गया, ऐसा भी मुख्यमंत्री ने कहा।
प्रारंभ में श्री विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर समिति के सह अध्यक्ष गहिनीनाथ महाराज औसेकर ने प्रस्तावना प्रस्तुत की। इसमें उन्होंने कहा कि इस वर्ष की आषाढ़ी वारी में शासन व जिला प्रशासन ने वारकरियों के लिए अत्यंत अच्छी सुविधाएं उपलब्ध करवाईं, जिससे वारकरी वर्ग संतुष्ट है और उनकी संख्या भी बढ़ी है, जिस पर अच्छा नियंत्रण रखा गया है।
शासकीय महापूजा के मान्यवर वारकरी, ग्राम – जातेगांव, ता. नांदगांव, जि. नाशिक के कैलास उगले व कल्पना उगले इस वारकरी दंपती को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस व उनकी विदुषी पत्नी श्रीमती अमृता फडणवीस के हाथों महापूजा के बाद सम्मानित किया गया। साथ ही एसटी महामंडल की ओर से उन्हें वर्षभर के लिए मुफ्त एसटी पास मुख्यमंत्री महोदय के हाथों वितरित किया गया।
मुख्यमंत्री के हाथों ‘श्री विठ्ठल निर्मल दिंडी पुरस्कार‘ वितरण – मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के हाथों पैदल चलनेवाली स्वच्छता व सामाजिक विषयों पर जनजागृती करनेवाली दिंडियों को ‘श्री विठ्ठल निर्मल दिंडी‘ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।प्रथम क्रमांक: श्री संत रोहिदास दिंडी क्रमांक १३, जगद्गुरु संतश्रेष्ठ श्री तुकाराम महाराज पालखी सोहळा द्वितीय क्रमांक: श्री बाळकृष्णबुवा वारकरी दिंडी क्रमांक १९, श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी सोहळा तृतीय क्रमांक: श्री गुरु बाळासाहेब आजरेकर दिंडी क्रमांक २३, श्री संत ज्ञानेश्वर महाराज पालखी सोहळा