हिमायतनगर, एम अनिलकुमार। विदर्भ-मराठवाड़ा सीमा पर बहने वाली पैनगंगा नदी के सूख जाने से हिमायतनगर शहर के सार्वजनिक कुओं और 500 फीट गहरे बोरवेल का जलस्तर नीचे चला गया है और सैकड़ों घरेलू बोरवेल लगभग बंद हो गए हैं। इसके अलावा स्वीकृत जलापूर्ति परियोजना अधूरी होने से नागरिकों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। घंटों नंबर पर बैठने के बावजुद बोरवेल से पानी मिलना मुश्किल हो गया है। नगर पंचायत प्रशासन सें मांग की है कि लोगों को बिना परेशानी के तत्काल पानी मुहैया कराया जाए।

हिमायतनगर शहर की प्यास बुझाने के लिए 19 करोड़ 19 लाख रुपए की जलापूर्ति परियोजना स्वीकृत की गई थी, लेकिन यह जलापूर्ति परियोजना अभी भी सुस्त और अधुरी अवस्था में है। ठेकेदार के अव्यवस्थित काम के कारण जलापूर्ति परियोजना 5 साल से पुरी नहीं हो पाई है। शहर में जगह-जगह पानी की टंकियां बनाई गई हैं, शहर में पाइपलाइन बिछाई गई है, लेकिन जलापूर्ति योजना का पाणी अभी भी जनता को नहीं मिला है, जिससे शहर के नागरिकों को एक घड़ा पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।

पैनगंगा नदी में भी पानी नहीं है। चूंकि हिमायतनगर के हर घर में लगे हुये बोरवेल बंद हो चुके हैं, इसलिए नागरिकों के लिए पानी खरीदने की नौबत आ गई है। इसलिए, नागरिक यह भावना व्यक्त कर रहे हैं कि नगर पंचायत प्रशासन ने लोगों को मझधार में छोड़ दिया है। हिमायतनगर शहर के लगभग पूरे वार्ड में पानी की समस्या गंभीर रूप ले चुकी है और चूंकि मानसून सीजन में अभी दो महीने बाकी हैं, इसलिए उम्मीद है कि हिमायतनगर नगर पंचायत प्रशासन पानी की समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाए और प्रशासनिक तंत्र ईसापुर डैम से पानी पैनगंगा नदी में छोड़े ताकि हिमायतनगर शहर में बंद पड़े बोरवेल चालू हो सकें, अन्यथा महिलाओं का समूह पानी के लिए नगर पंचायत पर घाघर मोर्चा निकालने की तैयारी कर रहा है।

हिमायतनगर शहर मे जल संकट को लेकर भाजप युवा कार्यकर्ता शेकडो महिलांओ को लेकर नगरपंचायत कार्यालय पर हंडा मोर्चा निकालने वाले है। इस पर भी अगर नगरपंचायत ने शहरवासीयों की जल समस्या हल नही की तो आनेवाले दिनो मे जलापूर्ती के लिए तीव्र आंदोलन चलाया जायेगा ऐसा भी युवा कार्यकर्ता लक्ष्मण डांगे ने नांदेड न्यूज लाईव्ह से कहा है।