हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम और छत्रपति शिवाजी महाराज की उपलब्धियों के कारण महाराष्ट्र की भूमि पवित्र हो गई है। बारह ज्योतिर्लिंगों में से पांच महाराष्ट्र में हैं और यह संतों और साधुओं की भूमि है। ऐसे विचार शिव महापुराण कथा के प्रवक्ता स्वामी श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज उत्तर प्रदेश वृंदावन धाम इन्होने व्यक्त किये, इस कथा को सुनने के लिए देशभर से सैकड़ों संत और लाखो कि संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए है। श्री क्षेत्र दत्त मंदिर मठ संस्थान, पिंपलगांव के बालयोगी गोवत्स परम पूज्य वेंकट स्वामी महाराज ने शिवपुराण कथा और 108 कुंडीय महायज्ञ आयोजन के लिये पिछले दो वर्षों से नियोजजन बनायें हुए थे।

वे 6 मार्च से 13 मार्च तक हदगांव तालुका के तीर्थ स्थल पिंपलगांव में स्थित दत्त संस्थान तीर्थ स्थल पर आयोजित भव्य शिव महापुराण कथा के मंच से श्रोताओं को ज्ञान प्रदान करते हुए बोल रहे थे। प्रारंभ में हाथी, घोड़े व पालकी रथ पर संत महंत की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। भजनी दिंडी और महिलाएं अपने सिर पर शुभ कलश धारण किए हुए थीं। राजेंद्रदास महाराज ने आगे बोलते हुए कहा कि प्रयागराज कुंभ के बाद पिंपलगांव में ज्ञान यज्ञ का कुंभ आयोजित किया गया है।

देवों के देव महादेव हैं और शिव की कथा सुनने से मानव जीवन धन्य हो जाता है। शिव की महानता सुनने से श्रद्धा उत्पन्न होती है और श्रद्धा से भरोसा बढ़ता है। स्कंद पुराण, पद्म पुराण और शिव महापुराण में भक्ति की महिमा का वर्णन किया गया है। धर्म का मूल नैतिकता है। यदि जीवन में नैतिकता नहीं है तो शरीर को इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं। यहां तक कि वेद भी नैतिकता के बिना किसी व्यक्ति को पवित्र नहीं कर सकते।

शिव महापुराण की कथा पूरी होने में 9, 7, 5, दिन लगते हैं। इस बार कथावाचक श्री राजेंद्रदास जी महाराज ने कहा कि, अगर किसी व्यक्ति के पास समय नहीं है तो उसे कम से कम 48, 24, 12 या 6 मिनट तक शिवपुराण की कथा सुननी चाहिए। अगर वह इतनी देर भी कथा सुन ले तो उसका जीवन सफल हो जायेगा। इस शिव महापुराण में कुल 24,000 श्लोक और 7 संगीतायें हैं। इस कथा के दौरान महाराज ने उपस्थित शिव भक्तों को आश्वस्त किया कि यदि कोई भूत भी यह कथा सुन ले तो उसे मुक्ति मिल जाएगी।
भगवान शिव सबसे पवित्र हैं। भगवान शिव और भगवान कृष्ण, राम, कृष्ण, हरि में कोई अंतर नहीं है। सत्संग से हमें सद्बुद्धि मिलती है और हमारा जीवन सफल होता है। कलियुग में राक्षसी और राक्षसी प्रवृत्तियां बढ़ गई हैं। इसका पवित्र साधन हृदय की शुद्धि और शिव की प्राप्ति है। अंत में स्वामीजी ने कहा कि शिव कथा सुनने से शिव लोक की प्राप्ति होती है।
पिंपलगांव संस्थान में शिवपुराण कथा समारोह में महंत अजय पुरीजी उत्तर काशी, प्रदीप भाई जी बद्रीनाथ धाम, मोहनदासजी वृंदावन धाम, स्वामी रवींद्रनाथजी सरस्वती, ईश्वर दास महाराज ऋषिकेश, गंगाधर जी महाराज मलूपीठ, महामंडलेश्वर दिनकर बंधु दास महाराज, गौरीशंकर महाराज अयोध्या, श्रीशैलम जगद्गुरु महास्वामी, डॉ. चेन्ना सिद्धराम पंडिता, महंत मनोहर शरणदास, राधाकृष्ण जी महाराज, महंत संदीप दास, सीताराम दास त्यागी, महंत भरत दास जी महाराज, महंत प्रभुदास महाराज और भारत के अन्य प्रमुख संत, महात्मा और लाखो कि संख्या में श्रद्धालु एकत्रित हुए है, याह कथा तारीख १३ मार्च होली तक चलेगी।