किनवट, परमेश्वर पेशवे| रात्रि वन गश्त के दौरान पता चला कि भुलजा क्षेत्र में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई हो रही है। बडी होशियारी से मौके पर जाकर चार तस्करों को गिरफ्तार कर लिया गया और अंधेरे का फायदा उठाकर भागे हुए पांचवें तस्कर को फॉरेस्ट कि टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की. उक्त घटना बोधडी वन विभाग के कार्यक्षेत्र भुलजा कक्ष क्रमांक 213-सर्वे क्रमांक 33 की है तथा सामग्री को जब्त कर लिया गया है। अदालत ने तस्करों को एक दिन की वन हिरासत की सजा सुनाई है.

नांदेड़ के उपवन संरक्षक केशव वाबले के मार्गदर्शन में, श्रीकांत इटलोड (वन संरक्षक, रो.ह.यो. और वन्यजीव नांदेड़) की योजना में और सी.जी. पोतूलवार (वन अधिकारी, बोधडी) के नेतृत्व में गश्त पर रहते हुए 20 सितंबर की रात क्षेत्र भुलाजा कमरा नं. 213 और सर्वे नंबर 33 में जंगली कि पेड़ों की अवैध कटाई की भनक लगने पर वनक्षेत्र में उस क्षेत्र के वनपाल गंगाधर नीलपत्रेवार, वनरक्षक जी. एस. देवकांबले, जी.पी. काले, के.जी. माली ने तुरंत जाल बिछाया और वन तस्करों में से प्रकाश मारोती सिडाम, माणिक माधव सिडाम, मारोती नागनाथ दराडे, राज नागनाथ गेडाम के साथ छह सागी नग और दो आरा मिलों को पकड़ लिया, जो अवैध रूप से पेड़ काट रहे थे। अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले तस्कर विजय संजय गीते को अगले दिन गिरफ्तार कर लिया गया है.

इस वन अपराध में जांच अधिकारी शेख याकूब फॉरेस्टर जकास, एस. एल. ढगे वनपाल पाटोदा, के.एम. बडूरे वनपाल थारा, डी. एन. गड्डे, एन.के. सुरनार, ए. एन. रंगे, एस. आर. वटमवार, के. एस. तलांडे, एन.पी. कोर्डे, ए. टी. मधिकर, पी.डी. सोनुने, ए. ए. सपकाल, श्रीमती ए. एम. देशमुख, कु. दुर्गा ढालके, सौ.सुजाता देवापुरे इस टीम में शामिल थीं. सूत्रों ने बताया कि उक्त आरोपियों के विरूद्ध भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26(1)(डी), 26(1)(एफ), 26(1)(ई), 64, 65(ए), 69, 77 के तहत पी.जी.आर.नं. 04/2024 दि.20/09/2024 के अनुसार वन अपराध माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अपीलीय न्यायालय, किनवट में दायर किया गया था और तस्करों को अदालत द्वारा एक दिन की वन हिरासत की सजा सुनाई गई।
