हिंगोली/नांदेड़ (एम अनिलकुमार) हिंगोली, नांदेड़ और यवतमाल जिलों में लगातार भारी बारिश और बाढ़ से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। हदगांव, हिमायतनगर, किनवट, माहूर, उमरखेड और महागांव तालुका के हजारों हेक्टेयर खेत पानी में डूब गए हैं। कई किसानों की जमीन से उपजाऊ मिट्टी बह गई है और नालों में आए बाढ़ से खेतों के साथ घरों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।

किसानों का कहना है कि प्रशासन की लापरवाही से पंचनामे समय पर नहीं हो रहे हैं और हुए भी तो वास्तविक नुकसान का सही आकलन नहीं किया जाता। इससे किसानों में गहरा आक्रोश है। फसलें बर्बाद होने से किसानों के सामने कर्ज की किस्तें चुकाने और बच्चों की पढ़ाई जारी रखने का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।

इस स्थिति को देखते हुए सांसद नागेश पाटिल आष्टीकर ने मांग की है कि, किसानों को प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाए। बीमा कंपनियों पर दबाव डालकर तुरंत फसल बीमा दावे मंजूर किए जाएं। बैंकों की वसूली कार्रवाई तत्काल रोकी जाए। किसानों को अतिरिक्त बीज और खाद उपलब्ध कराया जाए। फसल नुकसान के साथ-साथ पशुओं, घरों और गौशालाओं के नुकसान के लिए भी अलग से आर्थिक सहायता दी जाए। सांसद ने यह मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर भी की है और सरकार से तत्काल कदम उठाने की अपील की है।

