हिमायतनगर, एम अनिलकुमार| हिमायतनगर शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में सोयाबीन की फसल रोपाई के बाद अंकुरित हो चुकी है। फिलहाल फसल कोमल अवस्था में है और घोंघे, मिलीबग और तेला कीटों ने इन कोमल फसलो पर हमला करना शुरू कर दिया है और पहली बार किसानों के सामने यह नया संकट खड़ा हो गया है क्योंकि घोंघे ने हमला करना शुरू कर दिया है। इसके कारण किसानों के सामने दोहरी बुवाई का संकट पैदा होने की आशंका है। कोमल फसलों को कैसे बचाया जाए, इसे लेकर किसान चिंतित हैं।


हिमायतनगर तालुका में मृगा नक्षत्र की बारिश के कारण किसानों ने बुवाई पूरी कर ली है और अधिकांश किसानों के खेतों में सोयाबीन की फसल हवा में लहराने लगी है। वर्तमान स्थिति में वर्षा कम अधिक हो रही है, जिसके कारण बादल छाए हुए हैं तथा तापमान में वृद्धि और उच्च आर्द्रता के कारण कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। इन कीटों के लिए अनुकूल वातावरण होने के कारण घोंघे, मनीवर्म और तेला कीटों ने कोमल सोयाबीन की फसल पर हमला करना शुरू कर दिया है और डर है कि खड़ी सोयाबीन की फसल नष्ट हो जाएगी और किसानों को फिर से बुवाई करनी पड़ेगी।


वर्तमान में फसल कोमल अवस्था में है और घोंघे और मनीवर्म का प्रकोप बढ़ रहा है। जबकि कृषि विभाग को इन कीटों के प्रसार को रोकने के लिए किसानों को मार्गदर्शन करने की आवश्यकता है, किसान इस बात पर खेद व्यक्त कर रहे हैं कि हिमायतनगर में तालुका कृषि अधिकारी और उनके कृषि सहायक किसानों का मार्गदर्शन करने में विफल हो रहे हैं। इस मामले को ध्यान में रखते हुए, जिला कृषि अधिकारी को हिमायतनगर के कृषि अधिकारी कि और ध्यान देना चाहिए और कीटों के संक्रमण से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को मार्गदर्शन करने के लिए सख्त निर्देश देने चाहिए। तथा, घोंघों के प्रकोप से स्तब्ध किसानों की मांग है कि प्रभावित क्षेत्रों में घोंघों और स्लगों का नियमित सर्वेक्षण किया जाए तथा किसानों को इन कीटों पर नियंत्रण के बारे में मार्गदर्शन दिया जाए।

