हिमायतनगर (एम अनिलकुमार) भारी वर्षा की आपदा से सब कुछ तबाह हो जाने और किसानों के आर्थिक संकट में घिर जाने के बावजूद, भारतीय परंपरा के अनुसार मनाया जाने वाला वृषभराजा का पोला, हिमायतनगर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नगर पंचायत की प्रतिष्ठित बैल जोड़ी की शोभायात्रा ढोल और ताश्या की ध्वनि के साथ शहर में निकाली गई।
शुक्रवार, 22 अगस्त को श्रावण अमावस्या के अवसर पर पोला उत्सव मनाया गया। सुबह से ही किसानों ने अपनी बैल जोड़ियों को नहला-धुलाकर रंग-बिरंगे वस्त्रों से सजाया था। वार्निश, घुंघरू, झूली, कासरे, गोंदे आदि से सजे बैल गाँवों और शहरों में आकर्षण का केंद्र बन रहे थे। महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से कृषि उपकरणों और पलास मेढ़ की पूजा की।
शाम 4 बजे नगर पंचायत की मुख्य अधिकारी श्रीमती पल्लवी टेमकर ने बैलों का पूजन कर शोभायात्रा का शुभारंभ किया। श्री परमेश्वर मंदिर के भव्य मंदिर दर्शन के बाद शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्ग से दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर में दाखल हुई। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान ढोल बजाते, नाचते-गाते शामिल हुए।
बाद में शाम 4:41 बजे पुजारीजी की मधुर वाणी में मंगलाष्टक के साथ वृषभराज का विवाह समारोह संपन्न हुआ। नगर के युवा और वृद्धजनों ने भी बड़े उत्साह के साथ भाग लिया और पोला पर्व को हर्षोल्लास से मनाया। इस अवसर पर नगर पंचायत के अधिकारी, कर्मचारी, विभिन्न दलों के पदाधिकारी, किसान, व्यापारी, नागरिक और छोटे-बड़े समूह पोला शोभायात्रा में उपस्थित थे। विवाह के तुरंत बाद पोला की शोभायात्रा तेज गति से चलने लगी, जो अपने घरों तक पहुँचने तक नहीं रुकी। घर पहुँचते ही वृषभ राजा की आरती उतारी गई, महापूजा की गई, पूरण पोली का भोग लगाया गया, बैलों के पैरों पर ककडी तोड़े गए और मजदूरों व मेहमानों को पूरण पोली का भोजन कराया गया। उत्सव के दौरान किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस की व्यवस्था की गई थी।